पुस्तक को देखकर शास्त्री जी की स्मृतियाँ जीवंत हो उठी - श्री नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज श्री आर0के0 ओझा ने भेंट की तथा पूर्व राज्यपाल स्व0 विष्णुकांत शास्त्री के भाषणों का संग्रह ‘विचार-प्रवाह’ की प्रति भेंट की। श्री आर0के0 ओझा अवकाश प्राप्त प्रशासनिक अधिकारी हैं जो राजभवन लखनऊ में राज्यपाल श्री विष्णुकांत शास्त्री के विशेष सचिव भी रह चुके हैं। भाषण संग्रह का सम्पादन डाॅ0 प्रेमशंकर त्रिपाठी द्वारा किया गया है तथा भाव उद्गार के रूप मे श्री ओझा ने अपने विचार साझा किए हैं। आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के 38 भाषणों के संग्रह ‘विचार प्रवाह’ की भूमिका डाॅ0 शिव ओम अम्बर द्वारा लिखी गयी है। स्व0 विष्णुकांत शास्त्री 24 नवम्बर 2000 से 02 जुलाई 2004 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे हैं।
राज्यपाल श्री राम नाईक ने आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के भाषण संग्रह की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुस्तक का आवरण देखकर ही उनकी स्मृतियाँ जीवंत हो उठी हैं। राज्यपाल ने कहा कि शास्त्री जी के साथ उनका करीब का संबंध रहा है। पार्टी और संगठन में उनके साथ काम करने का अवसर मिला है। स्व0 शास्त्री विद्वता, सादगी एवं स्नेह की प्रतिमूर्ति थे जिन्हें गीता पर अधिकार था। उनके भाषण अत्यन्त ज्ञानवर्द्धन एवं आकर्षित करने वाले थे तथा उनकी स्मरण शक्ति भी अद्भुत थी। स्व0 शास्त्री को हिन्दी सहित उर्दू के अनेक अच्छे साहित्यकारों एवं कवियों की कृतियाँ एक तरह से कंठस्थ थी। उन्होंने कहा विष्णुकांत शास्त्री जी की कमी आज भी महसूस होती है।