मुख्यमंत्री ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को स्वच्छता की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
बीमारियों पर नियंत्रण के लिए साफ-सफाई के साथ-साथ
शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए
नालियों की नियमित सफाई तथा फाॅगिंग करायी जाए
जल जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर विकास, ग्राम्य विकास, पंचायती राज,
स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध स्वच्छता से है। इसलिए प्रदेश सरकार स्वच्छता के प्रति बेहद गम्भीर है। उन्होंने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को स्वच्छता की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके माध्यम से जापानी इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया, फाइलेरिया व अन्य जल जनित रोगों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि गन्दगी के कारण ही ये बीमारियां पनपती हैं। इसलिए नागर निकायों में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां योजना भवन में नगर विकास विभाग के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के 100 गन्दे शहरों में 52 शहर उत्तर प्रदेश के हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अधिकारी इन्दौर शहर को नजीर बनाएं, जो स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है। बीमारियों पर नियंत्रण के लिए साफ-सफाई के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जल जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर विकास, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों को 61 शहरों में अमृत योजना सहित स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत सीवरेज निर्माण का कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य का आधार लोकहित होना चाहिए।
योगी जी ने कहा कि नगर विकास विभाग यह सुनिश्चित करे कि नालियों की नियमित सफाई तथा फाॅगिंग करायी जाए। इसके साथ ही, पाॅलीथीन व प्लास्टिक के डिस्पोजबल गिलास पूरी तरह से प्रतिबन्धित किए जाएं। आवश्यकता पड़ने पर इसकी रोकथाम हेतु जुर्माना भी तय किया जाए। कूड़ा प्रबन्धन के लिए योजना बनाकर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग अपनी जमीनों को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभागों के आपसी तालमेल से जल जनित रोगों से बचा जा सकता है। ग्राम्य विकास विभाग तथा नगर विकास विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वे जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएं। जापानी इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को माह जनवरी-फरवरी से ही तैयारी शुरू करनी चाहिए, क्योंकि वैक्सीन के एक्टीवेशन में 3 से 4 माह लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ट्रीटमेण्ट प्रोटोकाॅल का पालन किया जाए। स्वास्थ्य विभाग सभी पी0एच0सी0 व सी0एच0सी0 में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नगर विकास राज्यमंत्री श्री गिरीश चन्द्र यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।