(1) बी.एस.पी. की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व प्रदेश अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों की आज हुई बैठक में महसूस किया गया कि बी.जे.पी. व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की गलत नीति व कार्यक्रमों तथा जातिवादी व द्वेषपूर्ण रवैये से देश खुशहाली के बजाय बदहाली व बर्बादी के रास्ते पर जा रहा है।
(2) बीजेपी सरकार की नीतियों से देश के गरीबों, मजदूरों, किसानों व आमजनता का नहीं बल्कि केवल मुट्ठीभर बीजेपी एण्ड कम्पनी व इनके समर्थक पूंजीपतियों व धन्नासेठों का ही भला हो रहा है जो अति-चिन्ता की बात है और जिसके विरूद्ध संघर्ष व विरोध देशहित में जरूरी है।
(3) इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा मंत्री द्वारा वन विभाग व आदिवासी समाज की कई हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया मंत्री पर सख़्त कार्रवाई नहीं करना बीजेपी की यह कौन सी देशभक्ति है?
(4) वैसे तो प्रतिपक्षी पार्टी के नेताओं के खिलाफ सी.बी.आई., आयकर, ई.डी. व पुलिस आदि सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग व राजनीतिक इस्तेमाल करके उन्हें भ्रष्ट साबित करने की कोशिश की जाती है, परन्तु बीजेपी मंत्रियों व नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार साबित होने के बावजूद भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं, ऐसा भेदभाव व विद्वेषपूर्ण रवैया क्यों?
(5) बीजेपी सरकार ग़रीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, सीमा सुरक्षा जैसे देशहित के साथ-साथ जनहित व जनकल्याण के महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर अभी तक बुरी तरह से विफल साबित हुई है और अपनी इन्हीं विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बाँटने के लिये विपक्षी नेताओं को बदनाम करके व उनकी सरकारों को हर प्रकार से परेशान व अस्थिर करने का ग़ैर-लोकतांत्रिक काम जारी। संसद में भी उनकी आवाज़ को दबाने का घिनौना प्रयास।
(6) इन सबके विरुद्ध बी.एस.पी. चुप व शान्त बैठने वाली नहीं, जिसके तहत् ही दिनंाक 18 सितम्बर से देशव्यापी अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश से: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 04 अगस्त, 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व प्रदेश अध्यक्षों एवं प्रमुख पदाधिकारियों की आज यहाँ हुई खास बैठक में देश के वर्तमान हालात् के मद्देनजर यह महसूस किया गया कि बी.जे.पी. व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की गलत नीतियाँ व कार्यकलापों के साथ-साथ इनकी जातिवादी, अहंकारी, तानाशाही व द्वेषपूर्ण रवैये के कारण अब अपना देश खुशहाली के रास्ते पर नहीं बल्कि बदहाली व बर्बादी के रास्ते पर जा रहा है तथा इससे देश के करोड़ों गरीबों, किसानों, मजदूरों व आमजनता का नहीं बल्कि केवल मुट्ठीभर बीजेपी एण्ड कम्पनी व इनके समर्थक पूंजीपतियों व धन्नासेठों का ही लगातार भला हो रहा है जो अति-चिन्ता की बात है और जिसके विरूद्ध संघर्ष व विरोध देशहित में बहुत जरूरी है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने इस बैठक में सर्वप्रथम देश के विभिन्न राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की व पार्टी के सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के सम्बंध में अनवरत जारी कैडर तैयारियों की समीक्षा की तथा आगे की तैयारियों के लिये नये दिशा-निर्देश भी दिये।
साथ ही विभिन्न प्रदेशों की ताज़ा राजनीतिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के अलावा देश की वर्तमान राजनीतिक उथल-पुथल के साथ-साथ आन्तरिक सुरक्षा व सीमा पर की तनावपूर्ण हालात का भी जायजा लिया गया और यह अनुभव किया गया कि बीजेपी सरकार बनने के बाद से देश की आन्तरिक स्थिति व सीमा पर भी हालत खराब हुई है व हमारे जवानों की भी शहादत की संख्या बढ़ी है जो कि सरकार की नीतियों की सफलता का प्रतीक नहीं है।
इसी क्रम में बीजेपी-शासित छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों ने अपनी रिपार्ट में पार्टी प्रमुख को बताया कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा मंत्री द्वारा कई हेक्टेयर वन व आदिवासी समाज की भूमि पर कब्जा करके वहाँ उनके व उनके परिवार के लोगों द्वारा रिजोर्ट व्यवसाय विकसित करनेे के मामले में सब कुछ भ्रष्टाचार व पद का दुरुपयोग साबित हो जाने के बावजूद भी सम्बंधित बीजेपी मंत्री के खिलाफ कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण वहाँ जनता यह सवाल कर रही है कि बीजेपी मंत्री द्वारा इस प्रकार की भू-माफियागिरी व भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी द्वारा ऐसा टालिरेन्स क्यों? यह कौन सी देशभक्ति है?
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि सी.बी.आई., आयकर, ई.डी., पुलिस व अन्य सरकारी मशीनरी का घोर दुरूपयोग करके प्रतिपक्षी पार्टी के अनेकों नेताओं को भ्रष्ट साबित करने की कोशिश भी लगातार की जा रही है, परन्तु बीजेपी मंत्रियों व नेताओं आदि के खिलाफ भ्रष्ट आचरण व भ्रष्टाचार के मामले खुले तौर पर साबित होने के बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, ऐसा भेदभाव व विद्वेषपूर्ण व्यवहार क्यों? क्या यही बीजेपी व श्री मोदी का भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान हैै?
वास्तव में बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार यहाँ ग़रीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, सीमा सुरक्षा जैसे देशहित के साथ-साथ जनहित व जनकल्याण आदि के महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बुरी तरह से विफल साबित हुई है और अपनी सरकार की इन घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बाँटने के लिये ही विरोधी पार्टी के नेताओं को बदनाम करके व उनकी सरकारों को हर प्रकार से परेशान व अस्थिर करके उन्हें गिराने का काम करने में व्यस्त है। गुजरात राज्यसभा के चुनाव में तो इसका और भी ज्यादा भद्दा रूप देश को देखने को मिल रहा है।
पहले गोरक्षा के नाम पर मोबोक्रेसी आर्थत भीड़ की अराजकता व आतंक एवं निर्दाेषों की नृशंस हत्या के अलावा आतंकवाद, देशद्रोह, लव-जेहाद, एण्टी-रोमियों आदि के नाम पर उत्पीड़न और फिर नोटबन्दी आदि के माध्यम से लोगों का ध्यान बाँटा गया और अब प्रतिपक्षी पार्टियों को अस्थिर करने, उन्हें भ्रष्ट साबित करने तथा उनकी आवाज़ को संसद तक में दबाने का लोकतंत्र-विरोधी प्रयास किया जा रहा है, और संसद के इसी दम घुटने वाले माहौल के कारण ही उन्हें दिनांक 18 जुलाई सन् 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी देना पड़ा है।
लेकिन बीजेपी एण्ड कम्पनी सरकार की अंहकारी, विद्वेषपूर्ण, पक्षपाती, जातिवादी, तानाशाही, लोकतंत्र व जनविरोधी रवैये के खिलाफ बी.एस.पी. कतई भी चुप बैठने वाली नहीं है बल्कि इनका आमजनता में पर्दाफाश करने के लिये देशभर में और खासकर उत्तर प्रदेश में सघन कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत् ही उत्तर प्रदेश में अगले महीने दिनंाक 18 सितम्बर से मण्डल स्तर पर कार्यकर्ता महासम्मेलन हर महीने आयोजित किये जायेंगे जबकि देश के अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया नवम्बर महीने से शुरू होगी जिसमें बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी, मुख्य अतिथि के तौर पर खुद शामिल होंगी।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी., उ.प्र. स्टेट कार्यालय
12, माल एवेन्यू, लखनऊ