Categorized | लखनऊ.

समाजवादी पार्टी सामाजिक सद्भाव और विकास को साथ लेकर चलती है।

Posted on 30 July 2017 by admin

समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा भाजपा को अपराजेय बनाने की घोषणा यह संकेत देती नज़र आती है कि वे दल को राष्ट्र, संविधान और जनता से ऊपर बनाने की कोशिशों में लग गए हैं। भाजपा के अपराजेय बनने की बदनीयती से जनता अपने को पराजित समझने लगी है। भाजपा का नेतृत्व पूरी तरह अहंकार में डूबा हुआ है। सŸाा के मद में राजनीति की नैतिकता ताक पर रखकर लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भाजपा खतरा हो गई है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने ठीक ही कहा है कि भाजपा का कोई राजनीतिक एजेंडा नही है। राजनीति की आड़ में भाजपा सामाजिक पाप करने में जुटी है। लालच और दबाव से दलबदल कराकर वह राजनीतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। यह जनादेश का अपमान है। इस सम्बंध में महात्मागांधंी का यह कथन विचारणीय और अनुकरणीय है कि ‘‘सात सामाजिक पाप में सिद्धांतहीन राजनीति भी शामिल है। इसके अलावा कर्म बिना धन, विवेक बिना आनंद, चरित्र बिना ज्ञान, नैतिकता बिना विज्ञान और ज्ञान बिना उपासना इसमें शुमार है‘‘। जनता को विश्वास में बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि राजनीति में मूल्यों के प्रति निष्ठा, सुचिता एवं पारदर्शिता की भी स्थापना हो। इसके बिना राजनीति सेवा का माध्यम नहीं व्यापार बन जाएगी।
वस्तुत सिद्धांतहीन राजनीति से लोकतंत्र भी आहत होता है। सामाजिक सद्भाव सभ्य और स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है। विभक्त और नफरत से भरा समाज कभी सुख चैन से नहीं रह सकता है। भाजपा जाने अनजाने दिशाहीनता की यात्रा पर प्रस्थान कर चुकी है। वह सŸाा के लिए कुछ भी कर सकती है। उसकी यह राजनीति जन विश्वास के लिए चुनौती है।
भाजपा के विपरीत समाजवादी पार्टी की विचारधारा समाज को जोड़ने की हैं जबकि भाजपा की नीति समाज को तोड़ने की है। समाजवादी पार्टी सामाजिक सद्भाव और विकास को साथ लेकर चलती है। श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में सभी का पूरा सम्मान किया जबकि भाजपा की नीति जनता के प्रति दुर्भावनापूर्ण है।
नेताओं की बात का बिना उलझन के जनता सहज विश्वास कर सके यह राजनीति की नैतिकता और साख के लिए आवश्यक है। सरकारों के प्रति अविश्वास किसी भी तरह से जनहित में नहीं हो सकता है। भाषा और सद्व्यवहार से ही लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति विश्वास को ताकत मिलती है। इसमें नेतृत्व का मानवीय और संवेदनशील व्यवहार बहुत महत्व रखता है। भाजपा को इस संदर्भ में श्री अखिलेश यादव के मानवीय आचरण से सीख लेनी चाहिए।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in