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‘‘मजबूत बात मजबूत हाथ‘‘

Posted on 27 July 2017 by admin

शून्य से शिखर को छूना बखूबी जानते है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अमित भाई शाह  - नरेन्द्र सिंह राणा
जीत जिसके इर्द गिर्द घूमती है। वो जो कहता वह करता है। उसकी नीति रणनीति के आगे विरोधी चारो खाने चित हो जाते है। कब कहां कैसे गुप्त व प्रगट रणनीति बनानी है वह बखूबी जानते है। उसका आगमन बसंत ऋतु की तरह जीत के लिए तरस रही पार्टी में रेगिस्तान में फूल खिला देता है। हरा भरा कर देता है। वातावरण में गगन चुम्बी नारों में जय जय कार की ध्वनि सुनाई देती है। यह यश, केवल और केवल तीन तरह से ही प्राप्त होता हैं। प्रथम प्रभु की कृपा से, दूसरा गुरू के आर्शीवाद से तीसरा माता पिता की सेवा से। यदि कही तीनो ही मिल जाए यानि प्रभु की कृपा, गुरू का आर्शीवाद, माता पिता की सेवा तो वह पुण्य पुंज बन जाता है। शास्त्रों में बताया गया है जहां पुण्य है वहां साक्षात परमात्मा होते है। जहां परमात्मा हो उनकी छत्र छाया हो वहां तो मात्र और मात्र जीत ही चरण चूमती है हार का तो सवाल ही नही उठता। ऐसे पुण्य पुंज भाजपा के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह जी है जिनको भारत के महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं अब तक के सफल राष्ट्रीय अध्यक्ष बता चुके है। चुनाव दर चुनाव जीत अमित भाई शाह के दरवाजे पर दस्तक देती जा रही हैं। असम्भव को सम्भव बनाया है, उनकी कुशल सफल बेमिसाल रणनीति ने। जैसे हम यदि उत्तर प्रदेश की बात करें तो जब अमित भाई शाह जी यहां के प्रदेश प्रभारी बनाए गए तब यहां भाजपा के मात्र 10 सांसद थे, 50 से कम विधायक थे। उत्तर प्रदेश में भाजपा 1991 के विधानसभा चुनाव के बाद जीत को तलाश रही थी। 1993 में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन तो किया लेकिन पूर्ण बहुमत नही मिला। विधानसभा चुनाव में उसके बाद पार्टी घटती गई। तमाम दलों से गठबन्धन भी भारतीय जनता पार्टी ने किया लेकिन अन्य दल तो बढ गए परन्तु भाजपा घटती गई। लोकदल जैसा दल 7 में से 5 सीटे पर जीत गया। बहुजन समाज पार्टी ने अपना ग्राफ बढ़ाया और पूर्ण बहुत तक पहुुॅची। पार्टी कार्यकर्ता निरन्तर किसी की राह देख रहे थे और भगवान ने कार्यकत्र्ताओं की सुन ली। अमित भाई शाह यूपी भाजपा के प्रभारी बने। इस पहाड़ जैसी चुनौती को उन्होंने सहर्ष स्वीकारा। उत्तर प्रदेश में प्रवास कर कार्यकर्ताओ में जान डाल गए। उनके शुभागमन का परिणाम यह हुआ कि विरोधी दल घबरा गए और भाजपा में निरन्तर उत्साह बढ़ता गया। लोकसभा 2014 का चुनाव होने में लगभग 1 वर्ष शेष था अमित भाई शाह ने रैलियों की घोषणा कर दी। कानपुर शहर में पहली क्षेत्रीय रैली हुई आपार जन समूह उमड़ा जहां रैली ऐतिहासिक रही वही रिकार्ड रैली का संचालन भी खुद कुशल व्यवस्था का उदाहरण बना। नरेन्द्र भाई मोदी उत्तर प्रदेश से ही चुनाव लडेगें इसकी भी योजना शाह जी ने बनाई। निरन्तर उत्तर प्रदेश में भाजपा का जनाधार बढ़ने लगा। उनके मजबूत हाथ दिखने लगे। उनकी बात पर पार्टी कार्यकर्ता जी जान से जुट गए। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव हुआ पार्टी ने पहली बार 80 में से 73 सीटें जीती। शपथ ग्रहण हुआ प्रधानमंत्री, गृहमत्री का पद उत्तर प्रदेश के खाते में आया। उसके बाद शाह जी का भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तय हो गया। अमित भाई शाह ने इस काटों भरे ताज को भी सहर्ष स्वीकार किया। राज्यो में विधानसभा चुनाव का विगुल बज गया। हरियाणा प्रान्त में कभी भी  भाजपा नहीं जीती थी न ही कभी वहा पार्टी अपने बूते सरकार बनाएगी ऐसी सम्भवानाएं ही थी। अमित भाई के कुशल नेतृत्व मजबूत बात मजबूत हाथ ने वहां भी विरोधियों को चारो खाने चित कर विजय पताका फहराई। बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किये पार्टी ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया।
असम प्रदेश में भी कभी भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी यह भी दूर की कोडी जैसा था। अमित भाई के कुशल नेतृत्व ने वहां भी विरोधी दलों के दांत खट्टे कर दिए और पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनी। जम्मू और कश्मीर में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन कर मिली जुली सरकार बनाई। भाजपा का कश्मीर से कन्याकुमारी तक विस्तार अमित भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकाल में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में जुड गया। झारखण्ड में भी पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना कर दिखा दिया कि अमित भाई की रणनीति का कोई सानी नही है। देश में अनेक राज्यो में नगर निगम नगर निकाय चुनाव हुए उनमें भी भाजपा ने जीत दर्ज कर रिकार्ड कायम किया। दिनोंदिन अमित जी का ढंका बजने लगा। यही कारण है कि राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद को एनडीए के मतो के अतिरिक्त भी वोट मिले। लोकसभा चुनाव, विधानसभाओं के चुनाव तथा नगर निगम नगर निकाय चुनाव तथा अब राष्ट्रपति चुनाव में रिकार्ड जीत ने यह साबित कर दिया भाजपा एक शस्कत पार्टी है। उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष एक अपराजेय योद्धा है। अमित भाई शाह ने अब 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। उनके अभूतपूर्ण प्रदर्शन से पार्टी को पुनः रिकार्ड विजय प्राप्त होगी इसमें कोई संदेह नही है। अमित भाई शाह की रणनीति की चर्चा देश-विदेश में होती है। कैसे शून्य से शिखर को छुआ जाता है यह वह बखुबी जानते है उनकी मजबूत बात और मजबूत हाथ देश के लिए अत्यन्त्र शुभ है।
वह मुकदरं का सिकन्दर है। वह कार्यकर्ताओं के दिल में भी और दुआओ में भी रहते है। प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ उनका सम्बन्ध कहने में दो है लेकिन वास्तव में एक ही है। जैसे वाणी और उसका अर्थ तथा जल और जल की लहर कहने में दो है लेकिन वास्तव में अभिन्न है। दोनो एक है। पूज्य गुरूदेव गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की एक चैपाई में लिखा है ‘‘गिरा अर्थ जल बीचि सम कहिअत भिन्न न भिन्न।

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