भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि यूपी लोकसेवा आयोग में पिछले पांच सालों के दौरान हुई भर्तियों की सीबीआई जांच का फैसला साहसिक और सराहनीय है। इस फैसले से उन मेधावी छात्रों को इंसाफ मिलेगा, जिनको पर्याप्त काबिलियत के बाद भी आयोग के भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ा था। यही नहीं सरकार ने आयोग में साक्षात्कार और परिणाम निकाले जाने पर लगी रोक भी हटा दी है। इससे बेहतर और पारदर्शी माहौल में दुबारा से भर्ती प्रक्रिया तेजी से शुरू हो सकेगी। इतना ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के भी नए सिरे से गठन की शुरूआत भी कर दी है। इसके लिए पहली बार विज्ञापन निकाल कर पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में पहली बार इस तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लोकसेवा आयोग की भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। आरोपों के मुताबिक लोकसेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्था को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया और पैसे लेकर नौकरियां बेंची गईं। विरोध करने पर बेरोजगार नौजवानों के खिलाफ ना सिर्फ फर्जी मुकदमे लिखे गए बल्कि उनका बुरी तरह उत्पीड़न भी हुआ। इलाहाबाद में पुलिस ने नौजवानों पर कई बार बर्बर लाठीचार्ज भी किया। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने वायदा किया था कि सरकार बनने पर ना सिर्फ भर्तियों की जांच होगी बल्कि नए सिरे से भर्ती संस्थाओं में पारदर्शिता लाई जाएगी। संकल्प पत्र के इस एक और वायदे को पूरा करते हुए सरकार ने पिछले पांच सालों के दौरान लोकसेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच का फैसला लिया है। जांच के दायरे में वो लोग भी होंगे जिन्होंने भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार के सबूत नष्ट किए।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने यूपी लोकसेवा आयोग में साक्षात्कार और परिणाम पर लगी रोक भी हटा दी है। इससे दुबारा से स्वच्छ माहौल में भर्तियां शुरू हो सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में भी नए सिरे से चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं और प्रदेश में पहली बार आवेदन के जरिए चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे योग्य लोगों का चयन किया जा सकेगा और भर्ती प्रकिया साफ सुथरी ढंग से पूरी की जा सकेगी। इसका सीधा लाभ पात्र अभ्यर्थियों को होगा।