Categorized | लखनऊ.

राज्यपाल ने तीसरे वर्ष का कार्यवृत्त जारी किया

Posted on 22 July 2017 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर राजभवन में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2016-17’ का हिन्दी एवं उर्दू भाषा में लोकार्पण किया। राज्यपाल ने श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री के साथ-साथ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति भी उत्तर प्रदेश से हैं।

aks_6515उल्लेखनीय है कि श्री नाईक 1978 से प्रथम बार विधायक निर्वाचित होने से ही जवाबदेही और पारदर्शिता के मद्देनजर अपना कार्यवृत्त प्रकाशित करते आ रहे हैं। सांसद रहते और फिर सांसद न रहने पर भी लोक सेवा में अपने कार्यों और गतिविधियों के बारे में जनता को कार्यवृत्त के माध्यम से जानकारी प्रदान करते रहे हैं। राज्यपाल ने इससे पूर्व प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर ‘राजभवन में राम नाईक 2014-15’ और द्वितीय वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर ‘राजभवन में राम नाईक 2015-16’ नाम से कार्यवृत्त जारी किया था।
तृतीय कार्यवृत्त जारी करते हुए राज्यपाल ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने 5,752 महानुभावों से राजभवन में भेंट की तथा 54,628 पत्र उन्हें जनता ने विभिन्न माध्यमों से प्रेषित किए, जिन पर राजभवन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई। राज्यपाल ने राजभवन में 55 कार्यक्रमों, लखनऊ में 189 कार्यक्रमों, लखनऊ से बाहर प्रदेश में 82 कार्यक्रमों, उत्तर प्रदेश से बाहर 32 कार्यक्रमों में सहभाग किया। कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल द्वारा 25 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह तथा 6 निजी विश्वविद्यालयों/संस्थाओं के दीक्षान्त समारोह में शिरकत की गई। राज्यपाल जिन संस्थाओं के पदेन अध्यक्ष है उनकी 7 बैठकों की अध्यक्षता भी की गई। राज्यपाल ने कार्यवृत्त की अवधि में 14 पत्र राष्ट्रपति को, 39 पत्र प्रधानमंत्री, 108 पत्र उपराष्ट्रपति एवं केन्द्रीय मंत्रियों, 326 पत्र मुख्यमंत्री, 88 पत्र प्रदेश के मंत्रीगण को प्रेषित किए।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार चाहे किसी भी दल की हो परन्तु वह राज्यपाल की होती है, इस दृष्टि से पूर्व की श्री अखिलेश यादव की सरकार भी उनकी थी और वर्तमान योगी आदित्यनाथ की सरकार भी उनकी है। प्रदेश में सम्पन्न विधान सभा चुनाव 2017 द्वारा नई सरकार का गठन हुआ है। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री, 2 उप मुख्यमंत्री, 22 मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा 13 राज्यमंत्री को शपथ दिलायी गई, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्री विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई सरकार जनता की आकांक्षाओं को सर्वांगीण विकास के माध्यम से पूरा करेगी।
श्री नाईक ने कहा कि नेता विरोधी दल के चयन का मामला नई विधान सभा के अध्यक्ष पर छोड़ दिया जाना चाहिए। पूर्व से चली आ रही गलत परम्परा का अनुसरण न करने के साथ-साथ एक स्वस्थ परम्परा स्थापित करने की दृष्टि से उन्होंने विधान सभा को दो ‘संदेश’ भी भेजे। इस विषय पर संविधान विशेषज्ञ डाॅ0 सुभाष कश्यप का भी यही मत था। राज्यपाल ने 3 एवं 4 मई 2017 को विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित द्वारा नए विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम की प्रशंसा की। विधान मण्डल के आहूत संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी नए प्रोटोकाल के अनुसार राज्यपाल के स्वागत को अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि विधान मण्डप में राज्यपाल को अपना अभिभाषण पढ़ने में बाधा पहुंचाना संसदीय परम्परा के अनुरूप नहीं है।
राज्यपाल ने बताया कि उन्हें कार्यवृत्त की अवधि में तीन अध्यादेश प्राप्त हुये जिनमें से दो को उन्होंने तात्कालिकता के मद्देनजर प्रख्यापित किया तथा नगर निगम से संबंधित एक अध्यादेश को संविधान के प्राविधानों के विरूद्ध होने के कारण राष्ट्रपति को संदर्भित कर दिया था। उन्होंने बताया कि 22 विधेयक राज्य विधान मण्डल से पारित करवाकर राज्य सरकार द्वारा प्रेषित किए गए थे। 22 में से 20 विधेयकों को परीक्षणोपरान्त उन्होंने अपना अनुमोदन प्रदान किया। विधेयक, ‘उत्तर प्रदेश मदरसा (अध्यापकों एवं कर्मचारियों का वेतन भुगतान) विधेयक 2016’ को राष्ट्रपति के विचारार्थ संदर्भित कर दिया तथा विधेयक ‘उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय पंचायत एवं जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक 2016’ वर्तमान में विचाराधीन है।
श्री नाईक ने कहा कि मुझे दो सरकारों के साथ काम करने का मौका मिला है। पूर्ववर्ती श्री अखिलेश यादव की सरकार से मेरे अच्छे रिश्ते थे। वे उन्हें समय-समय पर सुझाव देते रहते थे और लोगों की समस्याओं के संबंध में अवगत भी कराते थे। इस अवधि में 727 सिद्धदोष बंदियों की दया याचिका प्राप्त राजभवन में प्राप्त हुई। ‘भारत का संविधान’ के अनुच्छेद 161 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन्होंने 252 सिद्धदोष बंदियों के समय पूर्व रिहाई के आदेश दिए तथा 475 सिद्धदोष बंदियों की दया याचिकाओं को रिहाई के लिए उपयुक्त नहीं पाया। जिला कारागार गोरखपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 105 वर्षीय बंदी चैथी पुत्र स्व0 कुंजल की दया याचिका पर विचार करते हुए उनके द्वारा रिहाई के आदेश दिए गए। राज्यपाल ने लोकायुक्त के प्रतिवेदन तथा भारत निर्वाचन आयोग से विभिन्न मामलों  में हुए पत्राचार का भी उल्लेख किया।
कुलाधिपति के रूप में उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि तीन कुलपति बैठकें आयोजित की गई तथा उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा के साथ बैठक भी की गई। 29 में से 25 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह भी भारतीय वेशभूषा में ससमय सम्पन्न हुए। उन्होंने बताया कि 4 नए विश्वविद्यालय होने के कारण वहां के छात्र उपाधि शिक्षा तक नहीं पहुंचे हैं। इसी के साथ-साथ विश्वविद्यालयों के कार्य को ‘आॅन लाईन’ किए जाने हेतु समिति का गठन किया गया है जो तेजी से इस दिशा में कार्य कर रही है। इस अवधि में 9 पूर्णकालिक कुलपति तथा 2 कार्यवाहक कुलपति उनके द्वारा नियुक्त किए गए हैं। प्रो0 मुन्ना सिंह कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर को भ्रष्टाचार के कारण कुलपति पद से बर्खास्त किया तथा डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के निलम्बित कुलसचिव प्रो0 यू0एस0 तोमर का भ्रष्टाचार में लिप्त होने का प्रकरण भी अंतिम निर्णय के चरण में है।
राज्यपाल ने अपनी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू तथा गुजराती संस्करणों के लोकार्पण का उल्लेख करते हुए बताया कि 9 नवम्बर 2016 को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में, 11 नवम्बर 2016 को लखनऊ के राजभवन में तथा 13 नवम्बर 2016 को मुंबई में लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुए। राज्यपाल ने यह भी बताया कि पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ का संस्कृत, बंगाली, सिंधी सहित जर्मन एवं फारसी भाषा में भी प्रकाशन किए जाने का प्रस्ताव है।
श्री नाईक ने राजभवन में 1 मई 2017 को आयोजित ‘महाराष्ट्र दिवस’ का उल्लेख करते हुए बताया कि समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ आयोजन की घोषणा की। ‘उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस’ के आयोजन राज्य सरकार द्वारा हो इसके लिए राज्यपाल के रूप में गत दो वर्ष से अधिक समय से वे राज्य सरकार से पत्राचार कर रहे थे।
राज्यपाल ने विशेष तौर से राजभवन में आयोजित मतदाता सम्मान समारोह, पद्म सम्मान से अलंकृत प्रदेश के पांच महानुभावों का सम्मान तथा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की पृष्ठभूमि में राजभवन में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 21 जून को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को अभूतपूर्व एवं विलोभनीय बताया।
राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करने के बाद पत्रकार मित्रों के सवालों का जवाब भी दिया।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in