उत्तर प्रदेश में विगत 33 सालों से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संचालित टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज(टीसीएस) की लखनऊ इकाई प्रदेश की योगी सरकार की अकर्मण्यता और गलत नीतियों के चलते बन्द होने की कगार पर पहुंचने से हजारों की संख्या में इंजीनियर, कर्मचारी परेशान हैं उनके परिवार पीडि़त हैं, लेकिन केन्द्र और प्रदेश की मोदी और येागी सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता संजय बाजपेयी ने आज जारी बयान में कहा कि एक तरफ जहां लखनऊ में यह कम्पनी बन्द हो रही है जिससे हजारों की संख्या में युवा बेरोजगार हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ यही कम्पनी उड़ीसा के भुवनेश्वर में तीन हजार भर्तियां करने जा रही है। उत्तर प्रदेश की जनता को चुनाव के दौरान रोजगार देने का वादा करने वाली योगी सरकार रोजगार देना तो दूर अब रोजगार खत्म करने पर अमादा है क्योंकि प्रदेश सरकार के अनिर्णय की स्थिति के चलते टीसीएस की इस इकाई के बन्द होने की संभावना है। जिससे प्रदेश के हजारों नौजवानों के बेरोजगार होने और उनके परिवारों के भरण-पोषण की समस्या पैदा हो गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र में जहां मोदी की सरकार ने रोजगार सृजन के मौके समाप्त करने का कार्य किया है वहीं प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के प्रति कोई कदम नहीं उठा रही है जो उद्योग चल रहे हैं सरकार की गलत नीतियों के चलते बन्द होने की कगार पर पहुंच रहे हैं। योगी सरकार द्वारा उ0प्र0 के बजट में पांच वर्षों में जीडीपी दस प्रतिशत ले जाने का जो लक्ष्य निर्धारित है और उद्योगों के जाल बिछाने के लिए कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाया है, इस कदम से उ0प्र0 के युवा और बेरोजगारों में घोर निराशा व्याप्त हो गयी है। ऐसा प्रतीत होता है कि टीसीएस ने जो उत्तर प्रदेश से इस इकाई को हटाने का निर्णय लिया है उसका एक प्रमुख कारण योगी सरकार की उद्योग विरोधी नीति भी जिम्मेदार है।