कुलाधिपति जगद्गुरु के आग्रह पर फिर मिला दान में ढाई करोड़
चित्रकूट - जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षान्त समारोह औपचारिकताओं के बीच रविवार को संपन्न हुआ। जिसमें 354 विद्यार्थियों को स्नातक व परास्नातक की डिग्री प्रदान की गई।
दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय पुर्नवास परिषद के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल ईयान काडोZजा ने सरस्वती के चित्रा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर विवि के गिनती के छात्रा-छात्राओं की मौजूदगी में कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट को वह नमन करते हैं। उनका सौभाग्य है कि उन्हें यहां आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय परिवार से उम्मीद रखते हैं कि किसी संस्था के लोग यदि अपना निजी हित छोड़कर वास्तविक विकलांग सेवा के लिए काम करें तो उसके परिणाम ज्यादा सार्थक होंगे। क्योंकि देखने में आ रहा है कि लोग सेवा के दावे तो बड़े-बडे़ करते हैं लेकिन विभिन्न श्रोतों से एकत्रिात धन को अपने निजी स्वार्थ में खर्च कर सेवा का स्वांग रचते हैं। इस दौरान उन्होंने 354 छात्रा-छात्रााओं को स्नातक व परास्नातक की डिग्री प्रदान की जिसमें कुलाधिपति गोल्डमैडल भी शामिल था। वहीं विवि के कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ने विकलांगों की सेवा के कई दावे करते हुए हमेशा की तरह इस समारोह में गिनती के इकट्ठा हुए विशिष्ट अतिथियों से विकलांग विश्वविद्यालय के छात्रो के ऊपर उनके द्वारा लाखों रुपये खर्च करने की बात कही गई। जिस पर मुम्बई से आए व्यवसाई कोचर साहब उर्फ मामा जी ने विश्वविद्यालय परिसर में विकलांग छात्रो के लिए प्रस्तावित अष्टावक्र छात्रावास के निर्माण ढाई करोड़ रुपये आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिसमें गदगद हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कुर्सी में बैठे-बैठे जमकर तालियां बजाईं। मुख्य अतिथि ने विश्वविद्यालय की स्मारिका विकलांग पाथेय का विमोचन भी किया। जबकि कुलपति प्रो. भगेड़ू पाण्डेय ने विश्वविद्यालय का संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ज्ञानेन्द्र सिंह, रजिस्ट्रार अवनीश चन्द्र मिश्रा, हेमराज सिंह चौबे, योगेशचन्द्र दुबे, वित्त अधिकारी आर पी मिश्रा आदि मौजूद रहे।