महिला अपराधों मे पुलिस कर रही सरकार की मंशा के विपरीत काम ?
अपहृत नाबालिग बेटी के मामले मे पुलिसिया लापरवाही व कार्यवाही ना करने ने से व्यथित, पीड़ित लल्ली ने जन सूचना अधिकार के तहत पुलिस से जानकारी मांगी है । जिसकी प्रति संलग्न है ।
बताते चलें कि लखनऊ के गाजीपुर थाने के इन्दिरा नगर के सी ब्लॉक के मकान न सी 2177/5 से नाबालिग दलित मीना नाम की लड़की का 22 जून 2017 की रात मे अनिल नामक युवक ने अपहरण कर लिया था इसकी रिपोर्ट गाजीपुर थाने मे मुक़द्दमा अपराध संख्या 0498/17 धारा 363/366 के तहत दर्ज है । प्रार्थिनी लल्ली पत्नी ललऊ एक बेहद गरीब दलित महिला है और घरों मे चौका बर्तन करके जीवन गुजर बसर कर रही है ।
आजतक पुलिस ने ना तो नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की और नहीं लड़की की बरामदगी के लिए कोई ठोस प्रयास किया उल्टे पुलिस आरोपियों के साथ खड़ी नजर आ रही है ? जिसके चलते आरोपी खुले आम घूमघूमकर कानून का मखौल उड़ाते नज़र आ रहे हैं और प्रार्थिनी तथा उसके परिवार को मुक़द्दमा वापस लेने तथा जबरन सुलह करने का दबाव बना रहे हैं ऐसा ना करने पर जान माल व गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं ।
इस मामले की शिकायत प्रार्थिनी ने पुलिस के सभी आला अधिकारियों , कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से लेकर मुख्यमंत्री के जन सुनवाई ऑनलाइन पोर्टल पर भी की लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस मामले मे गंभीरता नहीं दिखाई जिसके चलते महिला अपराधों मे लिप्त अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और पीड़िता दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है सब जगह से निराश प्रार्थिनी लल्ली ने जन सूचना अधिकार के तहत पुलिस से 10 सवालों के जरिये अभी तक की गयी कार्यवाई की सूचना उपलब्ध कराये जाने हेतु लखनऊ पुलिस कप्तान के जन सूचना अधिकारी को याचिका भेजी है ?
लड़की का मेडिकल ठीक से न कराये जाने की भी आशंका लल्ली को है और जिन सहयोगियों ने लल्ली का साथ दिया उनको भी कूट रचित दस्तावेज़ एवं योजनाबद्ध तरीके से फसाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है लखनऊ के गाजीपुर थाने की पुलिस इस बीच सवालों के घेरे मे है और लल्ली ने अंततः कहा की जब विधान सभा सुरक्षित नहीं है तो किसी घर की बहू बेटी कैसे सुरक्षित रह सकती है