सुलतानपुर - सेल द्वारा जगदीशपुर में खरीदी गई मालविका स्टील प्लांट का स्टांप शुल्क न जमा करने के कारण उइे विवाद पर जिला प्रशासन पीछे हट रहा हे। इस मुद्दे पर विवाद गहराता देख जिलाधिकारी ने कहा कि सेल भले ही सार्वजनिक उपक्रम हे फिर भी वह किसी दशा में कानून के ऊपर नही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मालविका को खरीदते समय सेल द्वारा स्टांप शुल्क नही दिया गया। सब रजिस्ट्रार आर. बी सिंह का कहना है कि इसके संबन्ध में सेल के अधिकारियों से दिल्ली जाकर बात हुई लेकिन कोई सन्तोष जनक उत्तर नहीं मिला । शुल्क का 10 करोड़ 4भ् लाख बकाया है । बताते चले कि अमेठी क्षेत्र की जनता को रोजगार मुहैया कारने के उदे्देश्य से भूत पूर्व प्रधान मन्त्री स्व. राजीव गा¡धी ने 1987 में नींव रखी और 1992 में शुभारम्भ राज्यपाल मोती लाल बोरा के कर कमलों द्वारा हुआ। 1992 में इसे मालविका के रूप में एशिया में जाना गया। बित्तीय संकट के कारण 1996 में यह बन्द हो गया। यदि सेल 31 मार्च तक बकाया शुल्क नहीं जमा किया गया तो इस माह के बाद 6 करोड़ 27 लाख अतिरिक्त धन राशि सेल को जमा करना पड़ेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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