अपर जिला मजिस्टेªेट नगर पूर्वी वीरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि द0प्र0सं0 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जन-जीवन एवं निजी सम्पत्ति की हानि, दंगा, बलवा के निवारण के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किये हैं।
उन्होंने बताया कि विभिन्न माध्यमों से यह प्रतीत कराया गया कि विभिन्न राजनीतिक दलों एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा राजधानी क्षेत्र मंे प्रदर्शन करने की सम्भावना के दृष्टिगत शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है इसके अतिरिक्त श्रावण मास मे शिव भक्त कांवरियों द्वारा नदियों से जल भरकर विभिन्न शिव मन्दिरों में जलाभिषेक/पूजा अर्चना करते हैं। कांवड यात्रा, स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबन्धन आदि पर्वों के अवसर पर भी आसामाजिक तत्वों द्वारा व्यवस्था भंग की जा सकती है, जिससे कटुता बढ़ने व लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध होने की प्रबल आशंका है।
उन्होंने बताया कि उक्त कारणों से लोक प्रशान्ति एवं जनजीवन सामान्य बनाये रखने के घोषित आयोजनों के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव को कम करने, जन एवं जन सम्पत्ति की तथा लोक प्रशान्ति भंग होने से रोकने के उद्देश्य से एवं त्वरित निदान हेतु निषेधाज्ञा लागू किया जाना अपरिहार्य हो गया है और इस निषेधाज्ञा के लागू होने से यह सम्भाव्य है कि जनजीवन बाधित होने एवं लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध होने का निवारण हो जायेगा। उन्होने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जन जीवन एवं निजी/लोक सम्पत्ति की हानि एवं दंगा, बलवा के निवारण के उद्देश्य से ऐसा करना आवश्यक समझते हुए प्रतिबन्धात्मक आदेश पारित किये है।
उन्होने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा जो कि 06 जुलाई 2017 से 05 सितम्बर 2017 तक प्रभावी होगी। उन्होने बताया कि इस आदेश अथवा आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करना भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।