सुलतानपुर - नेशनल फेडरेशन आफ आर. आर. बी. आफीसर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सगुण शुक्ला ने कहा कि आम आदमी तक बैंको के जरिये तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ पहुचाने में पूरे देश में अव्वल रहे ग्रामीण बैंको की सरकार उपेक्षा कर रही है। देश की हर विकास खण्ड तक ग्रमीण बैंक की कम से कम एक शाखा खोलने के लिए 3000 नयी शाखाओं की जरूरत है पर संप्रग सरकार ग्रामीण बैंक की नयी स्थापना करने के बजाय ग्रमीण इलाकों में प्राइवेट बैंको को लाइसेन्स जारी करने का की नीतियां बना रही है। जिसका परिणाम यह होगा कि गावों में फिर सूदखोरों और साहू कारों का शोषण कायम हो जायेगा। श्री शुक्ला रविवार को बड़ौदा उ. प्र. ग्रामीण बैंक आफीसर्स एशोसिएशन की फैजाबाद मण्डल की आम सभा को सम्बोधित कर रहे थे।
ग्रामीण बैंक कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि बैंकिग उद्योग सरकारी उपेक्षा के कारण बदहाली के दौर है। सरकारी कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन, सुविधाओं का टोटा और ऊपर से बेतहाशा बढ़ा काम का बोझ और मानव श्रम की कमी के चलते बैक कर्मी दो तरफा संकट झेलने को मजबूर हैं।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए नेशनल फेडरेशन आफ आर. आर. बी. इम्पलाइज के राष्ट्रीय महासचिव शिवकरन द्विवेदी ने कहा कि अब बैंक कर्मचारियों की उपेक्षा बर्दाश्त नही की जायेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक के नेटवर्क में प्रदेश स्तरीय ग्रामीण बैंको की स्थापना, नई भर्ती, पेंशन और प्रमोशन की मांग को लेकर जल्द ही देश स्तर पर जनान्दोलन शुरू किया जायेगा।
आम सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष सगुण शुक्ला एवम कर्मचारियों के राष्ट्रीय महासचिव शिकरन द्विवेदी का स्वागत किया। सभा को अरेबिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह, संयुक्त मन्त्री आर. के. सिंह, आफीसर्स एशोसिएशन के अध्यक्ष एम. के. सिंह, डी. पी. सिंह, रमेश मिश्रा, संजय गुप्ता आदि ने अपने विचार रखे। सभा का संचालन हिमांशु पाण्डेय क्षेत्रीय मन्त्री ने किया। अन्त में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव ने प्रेस वार्ता कमें संयुक्त रूप से बताया कि अभी हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है। हमारी सबसे बड़ी लड़ाई कर्मचारियों के पेंशन को लेकर है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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