समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात दिन पर दिन बेकाबू होते जा रहे हैं। असामाजिक तत्वों और अपराधियों के आगे प्रशासनतंत्र असहाय है। दिल्ली से लखनऊ तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की हिदायतों का भी कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। जनता सहमी हुई है। अधिकारियों में सŸाारूढ़ दल की दहशत व्याप्त है।
सहारनपुर, गोरखपुर में भाजपा के सांसद और विधायकों ने अधिकारियों के साथ जैसा दुव्र्यवहार किया वह सर्व विदित है। राज्य में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि मंत्री भी जिलाधिकारी को हटाने के लिए धरना-प्रदर्शन और इस्तीफे की धमकी देने लगे हैं। कानून का पालन करने पर महिला पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण किया जाना क्या संकेत देता है? उत्तर प्रदेश में 100 दिनों में ही सरकार पर जनता का भरोसा टूट गया हैं। विकास कार्य ठप्प हैं। कानून व्यवस्था चैपट है।
विपक्षी नेताओं को झूठे केस में फंसाया जाना लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है। भाजपा सरकार राग-द्वेष से ऊपर नहीं उठ पा रही है। ऐसी स्थिति में उम्मीद थी कि महामहिम राज्यपाल महोदय भाजपा के अंधेर राज का संज्ञान अवश्य लेंगे। श्री राज्यपाल द्वारा संवैधानिक दायित्व के निर्वहन का राज्य की जनता इंतजार कर रही है।
लोकतंत्र में भीड़तंत्र का नया रास्ता भाजपा ने देश को दिखा दिया है। यह शुभ संकेत नहीं है। भीड़तंत्र के जरिए लोकतंत्र पर भाजपा अपनी अधिनायकशाही थोपना चाहती हैं। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि असली ताकत जनता के हाथ में ही है। अब तो अवाम की आम आवाज है कि भाजपा से तो लाख गुना अच्छा शासन अखिलेश यादव का था।