Categorized | लखनऊ.

जी.एस.टी. से मुक्त रखा जाए राज्य कर्मचारी कल्याण निगमः महासंघ

Posted on 02 July 2017 by admin

पचास करोड़ से अधिक स्टाक का क्या करेगा निगम ?
pic-12भारत सरकार द्वारा जी.एस.टी. लागू करने के साथ ही राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के सामने संकट खड़ा हो गया  है। इसेक चलते प्रदेश के 18 लाख कर्मचारियों को मिलने वाली छूट से वंचित हो जाएगा। राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय एवं जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंध के महामंत्री सुशील कुमार ‘बच्चा’ ने राज्य सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी निगम से बिकने वाले उत्पादों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए। उन्होंने इस दौरान इस बात पर भी चिन्ता जताई कि अभी डिपो एवं फैमिली बाजारों में पचास करोड़ से उपर का स्टाक है। इसे अगर जीएसटी लगाकर बेचा गया तो कई आइटम ऐसे है जिनका मूल्य एमआरपी से ऊपर चला जाएगा और इस तरह की ब्रिकी कानून वैध नही होगी। उन्होंने सरकार से मांग रखी है कि जो पुराना स्टाक है उसे पुराने दाम पर ही बेचा जाए या फिर इसके बारे में समुचित दिशा निर्देश तत्काल जारी किए जाए ताकि संशय की स्थिति खत्म हो। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी से मुक्ति न मिलने पर निगम में कार्यरत 166 डिपो एवं 19 फैमली बाजारों में कार्यरत लगभग 850 कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत में श्री पाण्डेय एवं श्री बच्चा ने बताया कि प्रदेश का 18 लाख राज्य कर्मचारियों को पूर्व की भाॅति (वैट मुक्त) जीएसटी में छूट प्रदान की जाए जिससे कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को दैनिक उपभोग की वस्तुयें वैट कर रहित उपलब्ध कराने के लिए सन् 1965 में कल्याण निगम की स्थापना राज्य सरकार द्वारा की गई थी। उ.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण निगम तब से आज तक लगातार राज्य कर्मचारियों, सेवानिवृत्त,मृतक आश्रित परिवार को दैनिक उपयोग की वस्तुए वैट रहित मूल्य पर उपलब्ध करा रहा था। प्रदेश में कल्याण निगम के प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर लगभग 166 डिपों और बड़े शहरों में 19 फैमिली बाजार संचालित हो रहे है। जिसमें प्रदेष के लगभग सभी राज्य कर्मचारी, सेवानिवृत्त, मृतक आश्रित परिवार लाभान्वित हो रहे है। कल्याण निगम बिना लाभ-हानि के कार्य कर रहा है तथा अपने किये व्यवसाय से मिलने वाली आय से निगम अपने 850 कर्मचारियों को वेतन दे रहा है। सरकार से निगम को कोई वित्तीय सहायता नही दी जा रही है। ऐसी स्थिति में निगम के कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन भी नही मिल पा रहा है। आज भी निगम कर्मचारियों को दो वर्ष पूर्व की तरह छठे वेतन मान के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान समय में पूरे भारत में एक जुलाई 17 से जी.एस.टी. लागू हो गई है। यदि कल्याण निगम को वैट की तरह जीएसटी से छूट नही दी गई तो राज्य कर्मचारी, सेवानिवृत्त एवं मृतक आश्रित परिवार को मिलने वाली सुविधा समाप्त हो जाएगी और निगम का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कल्याण निगम को पूर्व की भाॅति जी.एस.टी. में छूट नही दी जाती है तो वेतन, पेंशन मद में राज्य सरकार इस मद की शतप्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराये जिससे कल्याण निगम पूर्व की भाॅति दैनिक उपयोग की वस्तुएं बिना लाभांश के उपलब्ध कराता रहे और निगम तथा उसमें कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रहे।

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in