सुलतानपुर - अधिशासी अभियन्ता लघु सिचाई में फर्जी तरीके से नलकूप बोरिंग में प्रयोग होने वाला पी0जी0 का टेन्डर निकालकर विभाग को अधिशासी अभियन्ता लघु सिचाई राजेन्द्र सिंह द्वारा गुमराह करने का खेल लगातार जारी है। ज्ञात हो कि बोरिंग में प्रयोग होने वाला पी0जी0 का टेन्डर 11-09-2008 को खोला गया जिसमें मेसर्स अनूप ट्रेडर्स सुलतानपुर ने भी टेन्डर डाला था जिसकी स्वीकृति अधीक्षण अभियन्ता वृत गोरखपुर द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई जिसके परिपेक्ष्य में अनूप ट्रेडर्स सुलतानपुर द्वारा पी0जी0 की आपूर्ति दिनांक 18-09-2009 को केिन्द्रय भण्डार में की गई थी। उक्त सप्लाई के बाद अनूप ट्रेडर्स ने भुगतान हेतु बिल 29-09-2008 को कार्यालय में प्रेंशित किया था परन्तु उनके बिलों का भुगतान नही किया। लगभग एक माह बाद श्री सिंह द्वारा मेसर्स अनूप श्रीवास्तव को बुलाकर कहां गया कि आपका टेन्डर निरस्त हो गया है इसलिये आपके पी0जी0 बिलों का भुगतान करना सम्भव नही है। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि सितम्बर 2008 तक 68 मध्यम गहरे नलकूप बोरिंग हो चुकी है तथा बोरिंग करने वालों से ही पी0जी0 किसानों के नाम पर क्रय अधिकार पत्र के आधार पर किया गया है, तथा बोरिंग करने वालों को उनके बिलिंग का भुगतान सितम्बर 2008 तक कर दिया गया है। इस प्रकार से विभाग अभियन्ता श्री सिंह द्वारा लाखों रूपयों का सरकारी राजस्व का दुरूपयोग करने का मामला उजागर हुआ है। जिसकी िशकायत सूबे की मुखिया से भी की गई है। कराये गये कार्यों के बिलिंग आदि का भुगतान की कार्यवाही एम0वी0न0-377 एल0 व 401 में अंकन किया गया है। सितम्बर 2008 तक 68 बोरिंग पूर्ण कर ली गई थी तो 18-09-2008 को पी0जी0 का टेन्डर खोलने की क्या आवश्यकता थी। श्री सिंह द्वारा बोरिंग करने वालों से साठगांठ करके विभाग एवं सरकार को फर्जी तरीके से लाखों रूपयें का नुकसान पहुंंचाने का कार्य किया गया है, तथा श्री सिंह द्वारा समाचार पत्रों में झूठी अल्पकालिन निविदा सं0-08/008-09 निकाली गई थी। सितम्बर 2008 तक के बोरिंग पूर्ण का भुगतान की 34 किश्तों की सूची िशकायत कर्ता ने जिम्मेदार अधिकारी को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई है। सूत्र बताते है कि श्री सिंह के वरद प्राप्त ठेकेदारों द्वारा एक बोरिंग में 5 घन मीटर पी0जी0 डालकर 6-7 घन मीटर दिखाकर भुगतान किया गया है। जिससे विभाग को लाखों रूपयों की धनहानि पहुंंचाने में श्री सिंह ने कोई कोताही नही बरती है। यहां तक कि पी0जी0 के अधिकार पत्र पर कृशकों के नाम पर मनबढ़ ठेकेदारों द्वारा फर्जी हस्ताक्षर व अगूंठा लगाकर भुगतान ले लिया जाता है। श्री सिंह द्वारा सरकारी धन का लाखों रूपया दुरूपयोग किया गया तथा सरकार को भी गुमराह करके टेन्डर निकाला गया। यहां तक छोटे रिंग मशीनों में 2009-10 में भी फर्जी तरीके से पंजीकरण में भी धन उगाही की गई तथा कृशकों के नाम पर फर्जी अधिकार पत्र के आधार पर पी0जी0 का भुगतान किया जा रहा है। जबकि नियमत: जनपद में 300 बोरिंग का मध्यम गहरें नलकूप के लिये पी0जी0 का टेन्डर निकालना चाहिये था। परन्तु श्री सिंह मनमाने ढंग से अपनी मरजी के अनुसार फर्जी टेन्डर प्रकाशन करवाया। इसी तरह जनपद प्रतापगढ़ में भी श्री सिंह द्वारा 2009-10 मेंं चेक ड्रेमों के निर्माण हेतु फर्जी निविदा का प्रकाशन कराया। जिसमें जिलायोजना अन्तर्गत 6 चेक ड्रेमों का निर्माण होना था, परन्तु 5 चेक ड्रेमों का ड्राइंग एवं डिजाइन अधीक्षण अभियन्ता द्वारा स्वीकृत किया गया। बावजूद एक चेक ड्रेम आगार विकास खण्ड िशवगढ़ की ड्राइंग अभी तक अधीक्षण अभियन्ता इलाहाबाद से स्वीकृत प्रदान नही की, फिर भी श्री सिंह द्वारा बिना ड्राइंग एवं डिजाइन तथा प्राकंलन प्राप्त किये ही टेन्डर निकाला गया। जो श्री सिंह द्वारा गम्भीर अनियमितता किये जाने का कृत्य किया गया है। इसी प्रकार जमुआरी चेक डेªम का कार्य न होने के बावजूद भी श्री सिंह द्वारा टेन्डर निकाला गया तथा बुकनापुर चेक ड्रेम का निर्माण हो चुका है, और उसका भुगतान भी हो गया है फिर भी नियम कानूनों की धज्जियॉं उड़ाकर शासन को गुमराह करके टेन्डर निकाला गया। उक्त टेन्डर अधीक्षण अभियन्ता वृत इलाहाबाद के कार्यालय में खोलने हेतु निकालना चाहिये था। इस प्रकार श्री सिंह विभाग एवं सरकार को गुमराह कर लाखों रूपयों की धनहानि करने में नही चूक रहे। श्री सिंह द्वारा लगभग अनुमानित धनरािश 50 लाख रूपये का सरकारी धन एवं राजस्व का दुरूपयोग किया गया है। श्री सिंह इसके पूर्व भी सुर्खियों मेंं रहे है आपको बता दें कि श्री सिंह इससे पहले आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी सहित कई अन्य जनपदों में भी लाखों रूपयों की सरकारी धन की हेराफेरी कर चुके है। आपूर्ति खण्ड में भी पी0वी0सी0 पाइप व एम0एस0 पाइप की आपूर्ति में भी शासनादेश के विरूद्व सप्लाई किया गया जिसकी जॉंच हुई थी। जिसके बाद दोशी पाये जाने पर यह निलंबित भी हुये थे, लेकिन उन्होने शासन को गुमराह करके ऐनप्रकारेण अन्तरिम रूप से अपने आपको बहाल करा लिया। इनके द्वारा सुलतानपुर व प्रतापगढ़ में लाखों रूपयों का घपला करने का भी मामला प्रकाश में आया जिसके बाद प्रतापगढ़ के ही बसपा बिधायक बृजेश सौरभ ने पत्र के माध्यम से सूबे की मुखिया को अवगत भी कराया है। उन्होनें इस पूरे मामले का हवाला अपने ही लेटर पैड पर अंकित कराकर मुख्यमन्त्री से अनुरोध किया है कि उक्त अधिशासी अभियन्ता की समग्र जांच कराकर दण्डित करने की मांग की है जिससे जनहित एवं किसानों से सम्बन्धित योजनाओं का समुचित कार्यान्वयन सुनििश्चत हो सके और आम जनता को न्याय एवं लाभ मिल सके। इसी क्रम में प्रमुख सचिव लघु सिचाई ने इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल जॉंच कर आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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