मेधावी विद्यार्थियों की सफलता में उनके परिवार तथा शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है
राज्य सरकार 01 से 15 जुलाई तक ‘खूब पढ़ो, आगे बढ़ो’ अभियान चलाने का निर्णय लिया
जीवन पलायन नहीं अपितु संघर्ष, परिश्रम एवं पुरुषार्थ का नाम है
बालिकाओं को समान ही अवसर दिया जाए तो वे सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर सकती हैं
राज्य सरकार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में बदलाव कर एन०सी०ई०आर०टी० पैटर्न पर शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति गम्भीरता से काम कर रही है
प्रदेश में 166 पं० दीन दयाल उपाध्याय माॅडर्न स्कूल खोले जाएंगे
शैक्षिक सत्र 2017-18 में रानी लक्ष्मीबाई कोष से 500 मेधावी छात्र-छात्राओं को हाॅस्टल व शिक्षा शुल्क आदि सुविधाएं राज्य सरकार देगी
मुख्यमंत्री ने उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद सहित तीनों बोर्डाें के 147 मेधावी छात्र-छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया
सभी विद्यार्थियों को एक-एक लाख रु० का चेक, एक-एक टैबलेट एवं प्रशस्ति-पत्र दिया गया
मेधावी विद्यार्थियों के माता-पिता के साथ-साथ तीनों बोर्डाें के प्रथम 7 स्थान प्राप्त करने वाले संस्था के प्रधानाचार्य को भी सम्मानित किया गया
मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह को सम्बोधित किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने जीवन में सफलता के लिए संघर्ष को एक मात्र उपाय बताते हुए कहा कि जीवन से पलायन करना कायरता है। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज अपनी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर आने वाली पीढ़ी के लिए भविष्य का खाका तैयार कर सकती है। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि वर्तमान राज्य सरकार नौजवानों की प्रगति के लिए बेहतर वातावरण बनाने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम 10 स्थान पाने वाले 117, आई०सी०एस०ई० संस्था द्वारा संचालित कक्षा 10 व 12 के शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 19 तथा सी०बी०एस०ई० बोर्ड के कक्षा 12 के 11 मेधावी विद्यार्थियों अर्थात् कुल 147 मेधावी छात्र-छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया। सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को एक-एक लाख रुपये का चेक, एक-एक टैबलेट एवं प्रशस्ति-पत्र दिया गया। इस अवसर पर मेधावी छात्र-छात्राओं के माता-पिता एवं प्रत्येक बोर्ड के प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 7 छात्र-छात्राओं की संस्थाओं के प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर योगी जी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद इस सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए अभियान चलाया गया था। लेकिन बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद के परिणामों को देखते हुए यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि यहां के भी परिणाम बिहार की तर्ज पर होंगे। परन्तु उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि प्रदेश के विद्यार्थियों ने मेहनत के साथ पढ़ाई की है। इसीलिए राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया। उन्होंने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि सकारात्मक एवं अच्छी सोच के साथ परिश्रम करने पर सफलता की मंजिल तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों की सफलता में उनके साथ-साथ उनका परिवार तथा शिक्षकों ने भी एकनिष्ठ होकर प्रयास किया है। शिक्षा जगत में अच्छे एवं कर्मठ अध्यापकों की कमी नहीं है। लेकिन उन्हें कार्य करने का बेहतर वातावरण उपलब्ध कराना होगा। समाज में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार करना होगा। राज्य सरकार अच्छे अध्यापकों एवं प्रतिभाशाली छात्रों को हर सम्भव सहायता एवं माहौल देने का हर सम्भव प्रयास करेगी।
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार ने 01 से 15 जुलाई, 2017 तक ‘खूब पढ़ो, आगे बढ़ो’ अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिससे प्रदेश का कोई भी बालक-बालिका स्कूल जाने से वंचित न होने पाए। कक्षा 8 तक के प्रत्येक विद्यार्थी को राज्य सरकार यूनीफाॅर्म, जूता-मोजा, बैग एवं पुस्तकें उपलब्ध कराने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे देश को नेतृत्व देने की क्षमता रखता है। अगर भारत को बुलन्दियों पर पहुंचाना है तो इसका रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा को संस्कारों से जोड़े बिना विकास सम्भव नहीं है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति को स्वावलम्बी बनाने के साथ-साथ उसके सर्वांगीण विकास में भी मदद करे। इन तमाम उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौजवानों को जब भी मौका मिला है उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। ‘अयोग्यो पुरुषोनास्ति योजकः तत्र दुर्लभः’ सूत्र वाक्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में कोई अयोग्य नहीं हो सकता और यदि अयोग्य है तो इसका तात्पर्य वहां कोई मार्ग दर्शक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि योजक के रूप में शिक्षकों एवं अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। यदि बच्चों की कमी बचपन में ही पहचान कर उनको सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।
योगी जी ने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कभी शाॅर्टकट का सहारा नहीं लेना चाहिए। पुरुषार्थ से ही भाग्य बदला जा सकता है। जीवन में निराशा पैदा करने वाली भावनाओं को दूर कर आशाभाव से आगे बढ़ने के लिए कठोर परिश्रम करना चाहिए। जीवन पलायन नहीं अपितु संघर्ष, परिश्रम एवं पुरुषार्थ का नाम है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि जिन 147 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जा रहा है, उनमें 99 बालिकाएं हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं सभी क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बालिकाओं को लेकर समाज के कतिपय लोगों में जो गलत धारणा बन गयी है उसे बदलना होगा। विभिन्न बोर्ड के परिणामों को प्रदेश के लिए सुखद बताते हुए उन्होंने कहा कि कई राज्यों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की संख्या घट रही है। इसीलिए प्रधानमंत्री जी को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का अभियान चलाना पड़ा। उन्होंने भू्रण हत्या एवं बालिकाओं को विद्यालय न भेजने वालों के कृत्य को निन्दनीय बताते हुए इस धारणा में परिवर्तन की सख्त जरूरत पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त किया कि प्रदेश में बालिकाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। स्पर्धा में अपने को सक्षम बनाते हुए अच्छा स्थान प्राप्त कर रही हैं। इससे स्पष्ट है कि अगर बालिकाओं को बालकों के समान ही अवसर दिया जाए तो वे सभी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर सकती हैं।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जी ने अपने सम्बोधन मंे माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली सुश्री तेजस्वी देवी, इण्टरमीडिएट परीक्षा की टाॅपर सुश्री प्रियांशी तिवारी, आई0एस0सी0 (कक्षा-12) की टाॅपर सुश्री आयुषी श्रीवास्तव तथा सी०बी०एस०ई० की कक्षा 12वीं की आॅल इण्डिया टाॅपर सुश्री रक्षा गोपाल का विशेष रूप से उल्लेख किया।
उप मुख्यमंत्री डाॅ० दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा में सुधार के लिए लगातार चिन्तन-मनन कर रही है। राज्य सरकार ‘खूब पढ़ो, आगे बढ़ो’ के अभियान को एक जुलाई, 2017 से शुरू करने जा रही है। इससे शत-प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षिक कैलेण्डर में 220 दिन पढ़ाई के लिए होंगे तथा 20 दिन माॅनिटरिंग के लिए होंगे। राज्य सरकार कोचिंग सिस्टम को भी कम करने का प्रयास कर रही है। आने वाले समय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में बदलाव कर एन०सी०ई०आर०टी० पैटर्न पर शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति गम्भीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 166 पं० दीन दयाल उपाध्याय माॅडर्न स्कूल भी खोले जाएंगे।
महिला कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने मेधावी छात्र-छात्रओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन इन मेधावियों के लिए विशेष महत्व का है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पढ़ाई की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है और पढ़ाई का वातावरण तैयार कर रही है, जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति लगन बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षिक सत्र 2017-18 में रानी लक्ष्मीबाई कोष के माध्यम से 500 मेधावी छात्र-छात्राओं को हाॅस्टल व शिक्षा शुल्क सहित अन्य सुविधाएं राज्य सरकार देगी।
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्री संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव महिला कल्याण सुश्री रेणुका कुमार, शिक्षणगण सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।