मण्डलायुक्त इलाहबाद ने मनगढ़ (प्रतापगढ़) हादसे की प्रारिम्भक जांच में आश्रम प्रबन्धक एवं आयोजकगण
को मुख्य रूप से उत्तरदायी पाया
प्रकरण के सम्बन्ध में दर्ज एफ0आई0आर0 की विवेचना , उप पुलिस अधीक्षक को सौपी गई
आश्रम प्रबन्धन द्वारा मानक के अनुसार गेट का निर्माण नहीं कराया गया, पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था भी नहीं की गई ,
मण्डलायुक्त की विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद तदनुसार कार्यवाही की जाएगी
लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने जनपद प्रतापगढ़ के मनगढ़ स्थित कृपालु धाम में गत 04 मार्च को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को बेहद गम्भीरता से लेते हुए हादसे की उच्च स्तरीय जांच करने के आदेश मण्डलायुक्त इलाहाबाद को दिये थे। मण्डलायुक्त श्री अजय कुमार उपाध्याय ने अपनी प्रारिम्भक जांच आख्या शासन को सौप दी है। उन्होंने अपनी जांच आख्या में आश्रम प्रबन्धक एवं आयोजकगण को इस दुर्घटना के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी माना है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह श्री कुवंर फतेह बहादुर ने आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया प्रतिनिधियों को मण्डलायुक्त, इलाहाबाद की प्रारिम्भक जांच आख्या के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भीड़ नियन्त्रण की उचित व्यवस्था न होने और इस सम्बन्ध में आश्रम प्रबन्धन की अदूरदिशZता और लापरवाही के फलस्वरूप प्रवेश द्वार के लोहे के गेट का एक पल्ला टूट कर गिर गया। इससे महिलायें और बच्चे गिर कर भीड़ से दब गये और भगदड़ मच गई, जिससे 63 महिलाओं और बच्चों की मृत्यु हो गई और 76 लोग घायल हो गये।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि आयोजकों ने मध्यान्ह 12:00 बजे से सायंकाल 06:00 बजे तक कार्यक्रम की व्यवस्था की थी, लेकिन भीड़ 09:00 बजे से ही एकत्रित होने लगी थी। मिन्दर प्रबन्धन की ओर से भीड़ को नियन्त्रित करने के लिए आवश्यक पूर्व तैयारियां नहीं की गई थी। समय से पूर्व एकत्रित भीड़ को आयोजकगण नियन्त्रित नहीं कर पाये और दुर्घटना घटित हो गई। इसके अलावा आयोजकों द्वारा आयोजन स्थल पर पब्लिक एडेªस सिस्टम की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। यदि इसकी व्यवस्था होती, तो भीड़ को नियन्त्रित किया जा सकता था।
श्री कुंवर फतेह बहादुर ने कहा कि प्रारिम्भक जांच से यह तथ्य भी सामने आया है कि इस कार्यक्रम में लगभग 10 हजार व्यक्तियों को बर्तन, रूपया इत्यादि वितरित करने की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम स्थल पर स्थित लोहे के गेट का एक पल्ला गिरने तथा बहुत अधिक संख्या में परिसर में भीड़ के प्रवेश करने के कारण भगदड़ मची, जिसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में जनहानि हुई। मण्डलायुक्त ने गेट की जांच लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता तथा उनके अधीनस्थ्य अधिकारियों से कराई।
मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग की आख्या में कहा गया है कि ….प्रथम दृश्टया स्पश्ट है कि दुघZटना गेट पर भीड़ के दबाव के कारण होल्डफास्ट मुड़ गया और होल्डफास्ट में पिन की लम्बाई कम होने के कारण गेट का एक पल्ला धराशायी हो गया और उक्त दुर्घटना का कारण बना।´´ इलाहाबाद के आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जगद्गुरू कृपालु परिशद (भक्ति धाम) आश्रम ट्रस्ट के कोशाध्यक्ष श्री हिरन्मय चटर्जी ने भी अपने लिखित कथन में स्वीकार किया है कि परिसर का गेट टूटने से महसूस होता है कि बनावट में कमी थी। मण्डलायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आश्रम प्रबन्धन द्वारा मानक के अनुसार गेट का निर्माण नहीं कराया गया था और इतने बड़े कार्यक्रम में प्रवेश के लिए इस गेट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि प्रकरण के सम्बन्ध में दर्ज एफ0आई0आर0 की विवेचना उप पुलिस अधीक्षक श्री के0पी0 सिंह को सौपी गई है। उन्होंने प्रकरण की जांच में किसी भी स्तर के अधिकारी या राजनैतिक दबाव की बात अस्वीकार करते हुए स्पश्ट तौर पर कहा कि प्रकरण की निश्पक्ष जांच कराई जायेगी और इसमें दोशी पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में मण्डलायुक्त की अन्तिम रिपोर्ट मिलने पर तदानुसार कार्यवाही की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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