महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने अवगत कराया है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 1929 तथा बाल विवाह विरोधी अधिनियम 2006 के अस्तित्व में होने के बाद भी बाल विवाह होने की घटनाओं की सूचनाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि ये एक कुप्रथा है और इसे सख्ती से नियमानुसार रोका जाना आवश्यक है।
प्रमुख सचिव ने बाल विवाह कि घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए जागरूकता अभियानों को तीव्र करने की मंशा व्यक्त की है। उन्होंने निजी संस्थाओं, स्कूलों के जागरूकता अभियानों के साथ सरकारी सहभागिता रखने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि इस प्रकार के अभियानों, रैलियों में उस ब्लाॅक के थाने के अधिकारियों का प्रतिभाग भी सुनिश्चित कराया जाये। स्थानीय जिला प्रशासन व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर नागरिकों में जागरूकता पैदा करें ताकि इस कुप्रथा पर रोक लगाकर अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।