उत्तर प्रदेश सरकार ने किशोरी बालिकाओं को अनुपूरक पोषाहार (टेकहोम राशन) उपलब्ध कराने के आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अब ग्राम प्रधान/ग्राम पंचायत सदस्य तथा मातृ समिति की अध्यक्ष की उपस्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण किया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक वितरण पंजिका पर लाभार्थियों के हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पात्र लोगों को अनुपूरक पोषाहार का वितरण किया जाए।
बाल विकास पुष्टाहार विभाग की सचिव श्रीमती अनीता सी0 मेश्राम द्वारा इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि परियोजना स्तर पर आपूर्ति किए जाने वाले पोषाहार का सत्यापन उपजिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी स्वयं अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी द्वारा किया जाएगा। सत्यापन अंकन बाल विकास परियोजना कार्यालय पर रखे गये स्टाक पंजिका पर भी होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि परियोजना कार्यालय के गोदाम का वो आकस्मिक निरीक्षण कर स्टाक का भौतिक सत्यापन करेंगे। इसके साथ ही स्टाक पंजिका का भी सत्यापन सुनिश्चित करेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रत्येक महीने मंे कम से कम चार गोदामों का निरीक्षण अवश्य करेंगे।
सुश्री मेश्राम ने कहा कि पोषाहार के प्राप्ति की सूचना अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दी जाएगी। परियोजना कार्यालय/गोदाम से आंगनबाड़ी केन्द्रों को अनुपूरक पोषाहार निर्गत करने से पहले भण्डार प्रभारी बैग पर संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र का कोड नम्बर अनिवार्य रुप से अंकित करेंगे। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लाभार्थियों को ‘‘टेकहोम‘‘ राशन के रुप में अनुपूरक पोषाहार का वितरण हर महीने पांच, पंद्रह और पच्चीस तारीख को होगा। यदि इनमें से किसी निर्धारित तिथि को रविवार अथवा सार्वजनिक अवकाश होता है तो पोषाहार का वितरण अगले कार्य दिवस पर होगा।
श्री मेश्राम ने बताया कि बाल विकास परियोजना कार्यक्रम के अन्तर्गत 06 माह से 03 साल की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं तथा राजीव गांधी किशोरी बालिका सशक्तिकरण योजना-सबला (22 जिलों में संचालित) योजना के तहत किशोरी बालिकाओं को अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी रुप से क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को दिए गए हैं।