एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने उन्हें और उनके पति आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति तथा अन्य के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दर्ज कराये गए मुकदमे की विवेचना में लापरवाही का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि इस मुक़दमा के दर्ज हुए अब लगभग दो वर्ष हो चुके हैं और इसमें अब तक मात्र श्री प्रजापति की ही गिरफ़्तारी हुई है. शेष सभी अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं और उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है.
नूतन ने कहा कि अभियोग की विवेचना क्राइम ब्रांच में जाने के बाद इंस्पेक्टर विनोद कुमार शर्मा द्वारा की जा रही थी पर श्री प्रजापति को गिरफ्तार करते ही उन्हें अमेठी तबादला कर दिया गया और 06 मई 2017 को उनकी रवानगी के बाद अब तक इस मामले में कोई विवेचक नियुक्त नहीं हुआ है, जबकि उन्होंने इसके सम्बन्ध में डीजीपी से लेकर सभी अफसरों के यहाँ गुहार लगायी है.
उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ एसएसपी लखनऊ ने कहा कि श्री प्रजापति से जुड़े सभी मामले एसआईटी को दिए गए हैं, वहीँ एसआईटी प्रभारी सीओ चौक राधेश्याम राय ने कहा कि उन्हें मात्र दुराचार मामले की विवेचना सौंपी गयी है.
डॉ नूतन ठाकुर
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