उत्तर प्रदेश के आम उत्पादकों को उद्यान विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि वे बदलते मौसम में आम की फसल को कीड़ों व बीमारियों से बचायें। इस समय आम की फसल को भुनगा कीट (मैंगोहापर) एवं खर्रा रोग (पाउड्रीमिल्ड्यू) अत्यधिक हानि पहुंचाते हैं।
यह जानकारी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक श्री हरिशंकर पाण्डेय ने आज यहॉ दी। उन्होंने बताया कि भुनगा कीट से फसल को सुरक्षित रखने के लिए कार्बरिल 3 ग्राम प्रतिलीटर पानी में अथवा क्यूनलफास 2 से 3 मि0ली0, प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिये। खर्रा रोग से आम की फसल को बचाने के लिए 2 ग्राम घुलनशील गंधक प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि भुनगा कीट एवं खर्रा रोग के उपचार हेतु कीटनाशक एवं फफंूद नाशक दवा का मिश्रण मिलाकर छिड़काव भी किया जा सकता है।
श्री पाण्डेय ने बताया कि आम के फल मटर के दाने के बराबर हो जायें तो एक सिंचाई देने से फलों का गिरना कम हो जाता है। फल वृद्धि के समय सिंचाई हर 10 दिन पर की जाये। उन्होंने बताया कि एन0ए0ए0 15 से 20 पी0पी0एम0 हारमोन के छिड़काव से भी फलों का गिरना कम हो जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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