काशी की धरोहर असि नदी की मुक्ति और पुनर्जीवन के लिए जनता की तरफ से कुछ व्यवहारिक सुझाव लेकर साझा संस्कृति मंच एवं असि नदी मुक्ति अभियान के कार्यकर्ताओं ने आज मंडलायुक्त को एक सुझाव पत्र दिया. गत दिनों इन प्रतिनिधियों से एक मुलाकात के दौरान मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने सुझाव आमंत्रित किये थे. पत्रक में कहा गया कि काशी के पर्यावरणीय मुद्दों पर आपसे दिनांक 24 अप्रैल को हुयी मुलाक़ात के दौरान आपने असि नदी के पुनर्जीवन के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव आमंत्रित किये थे, उस क्रम में निम्न सुझाव है
1. ‘असि’ में मलजल और औद्योगिक अवजल का गिरना तत्काल रोका जाय, केवल शोधित किया हुआ जल ही असि में जाने दिया जाय.
2. उद्गम स्थल कन्दवा तालाब से असि संगमेश्वर तक सभी जलस्रोतों (कुएं और तालाब) को पुनर्जीवित किया जाय. कर्दमेश्वर तालाब,कंचन पुर ताल,कन्दवा पोखरा,और अन्य असि नदी के प्रवाह क्षत्र के कूप,बावली ,तालाब की सफाई करा दी जाय तो उसमें स्वच्छ जल प्रवाह का संकट स्वतः समाप्त हो जायेगा ।
3. जिस स्थान पर असि की चौड़ाई अधिक है वहां किनारे पर हरित पट्टी एवं पार्क का विकास किया जाय.
4. गंगा से लिफ्ट पम्प से पानी उठाकर असि उद्गमस्थल पर नियमित सप्ताह में कम से कम दो बार छोड़ा जाय.
5. असि में स्थान स्थान पर चेक डैम बना कर पानी को क्रमशः उतरने दिया जाय.
6. असि में अस्थायी अतिक्रमण हटाया जाय तथा नया अतिक्रमण न होने दिया जाय.
प्रतिनिधिमंडल ने असि के पुनर्जीवन की दिशा में किये जा रहे प्रत्येक सार्थक प्रयास का भरपूर सहयोग करने का भी आश्वासन दिया.
इस क्रम में ज्ञातव्य है कि इन संगठनों द्वारा विगत कई रविवार को प्रातः असि नदी के प्रवाह क्षेत्र में साप्ताहिक श्रमदान कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है इस क्रम में 7 मई रविवार को अस्सी के निकट सहोदर वीर पुलिया के पास श्रमदान किया जाएगा.
प्रतिनिधिमंडल में डा आनंद प्रकाश तिवारी, जागृति रही, वल्लभाचार्य पाण्डेय, डा अनूप श्रमिक, रवि शेखर, धनज्जय त्रिपाठी, विनय सिंह, महेंद्र कुमार, दिवाकर, मुकेश उपाध्याय, लक्ष्मण, दीन दयाल, फादर दयाकर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे.
भवदीय
साझा संस्कृति मंच
वाराणसी
सम्पर्क : 9839058528 (डा आनंद तिवारी)