आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एक और मुक़दमा झूठा पाया गया है. रामपुर जिले के पूर्व सिपाही मोहम्मद रफ़ी ने स्थानीय एक्टिविस्ट दानिश खान के खिलाफ दर्ज कराया गया मुक़दमा वापस लेने के लिए अमिताभ और उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा 30 अप्रैल 2015 को उन्हें जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में सीजेएम कोर्ट रामपुर में परिवाद दिया था.
परिवाद के लम्बे समय तक लंबित रहने पर अमिताभ और नूतन ने 03 मार्च 2017 को रामपुर आ कर सीजेएम कोर्ट के सामने प्रार्थना किया था कि चूँकि श्री रफ़ी का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है और इस कारण वे पिछले दो साल से अदालत के सामने अपना बयान तक नहीं करा रहे हैं, अतः मामले की त्वरित सुनवाई की जाए.
सीजेएम रामपुर ने सीओ सिटी रामपुर को आरोपों की जाँच करते हुए अपनी आख्या देने के आदेश दिए थे. सीओ सिटी दिनेश कुमार शकला ने इस सम्बन्ध में आज (06 may) सीजेएम कोर्ट में अपनी आख्या दी जिसके अनुसार परिवाद असत्य एवं भ्रामक तथ्यों के आधार पर दिया गया पाया गया. जाँच में पाया गया कि अमिताभ ने श्री रफ़ी को कोई फोन नही किया था और जिस नंबर से नूतन द्वारा फोन किये जाने की बात कही जा रही थी, वह किसी और का नंबर था. जाँच से पाया गया कि नूतन ने एक बार श्री रफ़ी को फोन अवश्य किया था लेकिन उसमे धमकी जैसी कोई बात नहीं थी, बल्कि उन्होंने मात्र दानिश खान की गिरफ़्तारी के सम्बन्ध में जानकारी मांगी थी.
इससे पूर्व अमिताभ के खिलाफ गाजियाबाद की एक महिला द्वारा बलात्कार का आरोप तथा रामपुर में भड़काऊ भाषण देने का आरोप विवेचना में गलत साबित हो चुका है.