पूरा प्रदेश अराजकता की स्थिति में। पुलिस का मनोबल टूटा। भाजपा के नेताओं ने कानून व्यवस्था को तार-तार किया। इलाहाबाद के नवाबगंज में माता-पिता के सामने दो बेटियों के साथ बलात्कार और पति-पत्नी के साथ ही दोनों बेटियों की भी निर्मम हत्या कर दी गयी, जिसने निर्भया काण्ड की दरिंदगी को भी मात दे दिया। योगी जी बतायें- कि इस प्रदेश में कानून का राज है अथवा अपराधियों का?
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के महामंत्री/प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज जारी बयान में कहा कि योगी सरकार के शपथ लेते ही लखीमपुर में दो बेटियों की हत्या कर शव को लटका दिया गया एवं इलाहाबाद के (मऊआइमा) में पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं विधानसभा चुनाव लड़ चुके व्यक्ति की घर में घुसकर हत्या कर दी गयी। इलाहाबाद के नवाबगंज में दो लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसके मां-बाप के साथ उनकी भी निर्मम हत्या कर दी गयी। बस्ती में ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी केा भाजपा के लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा वहीं सहारनपुर में एस0एस0पी0 के घर पर हमला कर तोड़-फोड़ की गयी। चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र में जहां एक साथ चार लोगों की हत्या कर दी गयी वहीं हरदोई में भाजपा के विधायक ने एक पुलिस अधिकारी केा थप्पड़ जड़ दिया। इतना ही नहीं हद तो तब हो गयी जब मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर में भाजपा विधायक द्वारा महिला पुलिस अधिकारी के साथ सार्वजनिक रूप से बदसलूकी की गयी। आज जिस तरह से सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़की और दलितों के साथ ज्यादती गयी, इसकी चिनगारी कई दिन से सुलग रही थी फिर भी प्रशासन और सरकार ने इसको नहीं रोका।
गोरखपुर में महिला पुलिस अधिकारी के साथ हुए र्दुव्यवहार मामले में जिस प्रकार प्रदेश और देश के आई0पी0एस0 एसोसिएशन ने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है, हम नैतिक रूप से इस कदम का समर्थन करते हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि उ0प्र0 में जिस तरह से भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक समानान्तर व्यवस्था कायम कर रखी है और जो लगातार पुलिस पर हमले कर उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, इससे यह साफ होता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि इसके पहले कि प्रदेश के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का धैर्य जवाब दें, उसके पूर्व ही अपनी पार्टी के लेागों पर लगाम लगावें अन्यथा इस प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा होने का डर है।