भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव को हार के सदमें से उबर कर वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए। अराजकता, अपराध और तुष्टीकरण के कारण जनता द्वारा नकारे जा चुके युवराज को ईवीएम को कोसना बंदकर आत्म मूल्यांकन करना चाहिए। प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पूरा देश मोदी जी की गरीब उत्थान नीति के साथ चल पड़ा है ऐसे में सभी विपक्षी दल अपनी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए ठौर तलाश रहे है। अखिलेश यादव भी उसी ईवीएम पर आरोप मढ़ रहे है जिसने उन्हें कभी मुख्यमंत्री बनाया था।
राकेश त्रिपाठी ने कहा अखिलेश यादव को हार की समीक्षा करना चाहिए जिन गुण्डो, माफियाओं और अपराधियों के राजनीति संरक्षण से प्रदेश की बहू-बेटी, किसान, नौजवान असुरक्षित हुआ उन सभी गुण्डो, माफियाओं और बलात्कारियों को पार्टी से बाहर निकालना चाहिए, नहीं तो भविष्य में उनका राजनीतिक अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। जनता अब जातिवाद और धार्मिक तुष्टीकरण के विरूद्ध युद्ध छेड़ चुकी है लेकिन आश्चर्य है कि जनता के मन को न अखिलेश जी पढ़ना चाहते है और न ही उनकी बुआ जी।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा अखिलेश जी ने सही कहा है कि पुलिस तो वही है, बस नाम बदल कर एंटी रोमियों स्क्वायड कर दिया गया है। अखिलेश जी को समझना होगा कि सत्ता की नियत यदि जनहितकारी है तो उपलब्ध संसाधनों से ही जनकल्याणकारी कार्य किए जा सकते है। आज वही पुलिस राजनीतिक संरक्षण से मुक्त होकर अपनी जिम्मेदारियों को समझ रही है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि योगी सरकार के निर्णय भय, भूख, भ्रष्टाचार और अपराध पर करारा प्रहार है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था, माफियाराज के खात्मे की दिशा में सरकार सफलता के साथ आगे बढ़ रही। अखिलेश जी को आदर्श विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सरकार के जनकल्याणकारी कार्यो का समर्थन करना चाहिए और सकारात्मक सुझाव देने चाहिए। अखिलेश जी को हार की हताशा और पारिवारिक कलह से पत्रकारों पर अपनी खीझ उतारने से बचना चाहिए।