- मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तात्कालिक तौर पर 47 करोड़ रु0 की धनराशि स्वीकृत की
- बुन्देलखण्ड की सभी सिंचाई तथा पेयजल परियोजनाओं के लिए उपलब्ध करायी गयी धनराशि का पूरा-पूरा उपयोग जनहित में समयबद्धता के साथ किया जाए: मुख्यमंत्री
- पिछले 15 साल के दौरान बुन्देलखण्ड के समग्र विकास के लिए प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई और इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी की गई: मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्वांचल सहित अन्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तात्कालिक तौर पर 47 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार राज्य सरकार इस मद में अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी स्थिति में बुन्देलखण्ड की जनता व उसके पशुधन को पेयजल की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
श्री योगी ने यह भी कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र की समस्याओं एवं वहां के लोगों की जरूरतों से पूरी तरह अवगत है। पिछले 15 साल के दौरान बुन्देलखण्ड के समग्र विकास के लिए प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई और इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी की गई। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड में संचालित विभिन्न परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करने वे इसी माह (अप्रैल, 2017 में) वहां जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक बार फिर आगाह किया कि बुन्देलखण्ड की सभी सिंचाई तथा पेयजल परियोजनाओं के लिए उपलब्ध करायी गयी धनराशि का पूरा-पूरा उपयोग जनहित में समयबद्धता के साथ किया जाए। इन योजनाओं को शीघ्रता के साथ पूरा किया जाए, ताकि बुन्देलखण्ड में पेयजल की समस्या से छुटकारा मिले और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश के पूर्वांचल सहित अन्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी गुणवत्ता के साथ तटबंधों की समय से मरम्मत कराने के निर्देश देते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आगाह किया है कि वे इस कार्य का प्रभावी अनुश्रवण करते रहें। विगत के संवेदनशील बाढ़ग्रस्त इलाकों में बाढ़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की दशा में उन्होंने स्थानीय स्तर पर राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद, पशुपालन आदि विभागों के बीच बेहतर तालमेल पर बल दिया हैं।