अधूरी पड़ी ग्रामीण/शहरी सड़कों को प्राथमिकता से पूर्ण हों
निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न करने वाले अधिकारियों/ ठेकेदारों के खिलाफ होगी कार्यवाही
-उप मुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के
अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपनी कार्यशैली एवं कार्य
संस्कृति में बदलाव लायें और कर्तव्य के प्रति जिम्मेदारी निभायें। उन्होंने
कहा कि कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायं।
श्री मौर्य लोक निर्माण विभाग के सभागार में विभागीय कार्यों के प्रस्तुतीकरण
के उपरान्त अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि
प्रत्येक जिले की पांच सड़कों को चिन्ह्ति कर उनकी गुणवत्ता का परीक्षण कराया
जाय। उन्होंने इस कार्य में जन प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के भी
निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अब टेण्डर का कार्य ई-टेण्डरिंग
के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जाय। यदि किसी ठेकेदार की प्रोफाइल मानकों के
अनुरूप नहीं है तो उसे ठेके न दिए जायं।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधूरी पड़ी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की
सड़कों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाय। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक
महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें रोजगार के व्यापक अवसर निहित हैं, इसलिए हमारी
सरकार ने ग्रामीण सड़कों को विशेष महत्व देने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा
कि ग्रामीण सड़क, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एन.एच.ए.आई की अन्य सड़कों
को 15 जून तक हरहाल में गड्ढा मुक्त कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण
विकास के लिए ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाय, जिसका लाभ जनता को जल्द से
जल्द मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी कार्य की समय सीमा 12 माह से
अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसमें कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता भी
नहीं होना चाहिए।
कुम्भ मेले में हुए निर्माण कार्यों पर चर्चा के दौरान श्री मौर्य ने कहा कि
गलत लोगों को कुम्भ मेले में हुई अनियमितता की जांच दी गई, जिससे गलत कार्यों
पर पर्दा पड़ गया। श्री मौर्य ने कहा कि इलाहाबाद के कुम्भ को लेकर कार्य योजना
इस प्रकार बनाई जानी चाहिए कि आने वाली पीढ़ियां भी याद रखें। यह दुनिया का
सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा मेला है, इसकी गरिमा को ध्यान में रखकर कार्य तैयार
की जाए।
सभी कार्य निर्धारित अवधि में गुणवत्ता तथा समयबद्धता के साथ कार्य पूर्ण हों
ऐसा न करने वाले अधिकारी व ठेकेदार को दण्डित किया जाय। उन्होंने कहा कि कार्य
पूर्ण न हो पाने के कारण जो पैसा सरेण्डर हो रहा है उसके कारणों को स्पष्ट
किया जाए तथा कार्य पूरा न करने वालों पर कार्यवाही भी की जाए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की कार्य योजनायें जिला स्तरीय प्रतिनिधियों के
माध्यम से बनाई जाएं तथा कम लागत में ‘लौग लाइफ तकनीक’ को प्रोत्साहित करें
ताकि हर स्थिति में उ0प्र0 माॅडल राज्य बन सके।
श्री मौर्य ने राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश
दिये कि सभी कार्य समयबद्धता गुणवत्ता एवं मितव्ययिता के साथ हों। उन्होंने
निर्माण निगम के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यों को और
आगे ले जाने की जरूरत है।
उ0प्र0 राज्य सेतु निगम के कार्यों की समीक्षा के दौरान उप मुख्यमंत्री ने कहा
कि निर्माणाधीन सेतुओं का निर्माण शीघ्र एवं समय सीमा के अन्दर पूरा किया जाय,
जहां रेलवे अथवा अन्य संस्था से विवाद की स्थिति है उनको संवाद स्थापित कर
शीघ्र हल किया जाय रेलवे के उपरिगामी सेतुओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दे।
श्री मौर्य ने कहा कि प्रत्येक प्रोजेक्ट शुरू करने तथा कार्य समाप्त करने की
तिथि अवश्य निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए पैसे की
कमी नहीं आने दी जायेगी।
इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सदाकान्त, सचिव
मृत्युन्जय नारायण सिंह, विशेष सचिव श्री अरविन्द सिंह, प्रमुख अभियन्ता लोक
निर्माण विभाग श्री वी.के. सिंह, मुख्य अभियन्ता श्री एस.के. श्रीवास्तव, सेतु
निगम तथा निर्माण निगम के एम.डी. सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।