भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पिछले पांच सालों में अखिलेश सरकार ने जातिए मजहब अपने.पराये के आधार पर भारी भेदभाव किया है। सरकार ने संविधानिक दायित्वों को दरकिनार कर तुष्टिकरण की नीति अपनाई जिसकी स्वीकारोक्ति एक वरिष्ठ कबीना मंत्री अहमद हसन ने की है। लैपटाॅपए विधवा पेंशनए छात्रवृत्तिए कन्या विद्याधनए विवाह हेतु अनुदानए सहित तमाम योजनाओं में सरकारी धनराशि का बंटवारा मजहब व जाति के आधार पर भेदभावपूर्वक किया है। सरकार ने कब्रिस्तान के लिए 1300 करोड़ रूपये आवंटित किये वहीं श्मशान के लिए महज 627 करोड़ रूपये आवंटित किये।
श्री त्रिपाठी ने कहा चुनी हुई सरकार संविधान से नियंत्रित होती है लेकिन उ0प्र0 में अखिलेश सरकार ने संविधान की भूल भावना की धज्जियां उड़ाकर सरकारी धन की मनचाही बंदरबाट की और तुष्टिकरण का राजनैतिक एजेण्डा चलाया। विधानसभा में प्रश्न का जवाब देते हुए लिखित रूप से स्वीकार किया है कि वर्ष 2014.15 वर्ष 2015.16 में निर्धन की दलितए पिछड़ी व सामान्य जाति की कन्याओं के विवाह हेतु फण्ड नहीं है लेकिन अल्पसंख्यक वर्ग की निर्धन कन्याओं को अनुदान राशि जारी की।
बिजली कनेक्शनए सड़क निर्माणए रोजगार सहित तमाम विकास की योजनाओं में भी मजहबी व जातीय भेदभाव किया गया है। अधिकारियों की नियुक्ति में जातीय.मजहबी भेदभाव किया गया है। अपराधियों पर कार्यवाही में भी जाति.मजहब का ध्यान रखा गया है। अखिलेश सरकार के इसी भेदभाव के कारण समूचे प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव कई बार बिगड़ा। भाजपा अखिलेश सरकार के इस भेदभाव को जनता की अदालत में लेकर जा रही है। विकास में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा सबका साथ.सबका विकास के संकल्प को लेकर चल रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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