• भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश को गुंडाराज और भ्रष्टाचार से मुक्त सरकार देगी. विगत पांच वर्षों में अखिलेश सरकार के शासनकाल में अराजकता और क़ानूनी अव्यवस्था की स्थिति चरम पर पहुँच गई. 2014-15 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 61% की बढ़ोतरी हुई. यह स्थिति तब है जब सुशासन का दावा करने वाले मुख्यमंत्री के राज में पुलिस थानों में अधिकांश मामलों में एफआईआर भी दर्ज नहीं होते है. पुलिस बल में महिलाओं की संख्या न्यूनतम 33% होनी चाहिए. अखिलेश सरकार राज में वो केवल 4.55% है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी नेशासन में आते ही अवन्ती बाई बटालियन, झलकारी बाई बटालियन और ऊदा देवी बटालियन बनाने का संकल्प किया है.
• 5 साल सुश्रीमायावती की सरकार के शासनकाल में पुलिस पर 547 हमले हुए वही श्री अखिलेश की सरकार के शासनकाल में इसमे दोगुना बढ़ोतरी हुई है. शराब माफिया, भू-माफिया लगातार ईमानदार पुलिस बलों पर हमले करते रहे और लखनऊ में सपा सरकार गूंगी और बहरी बनी रही.
• आज के ही समाचार पत्रों में एक प्रमुख खबर हैं कि कानपूर के सपा नेता मेहताब आलम की 7 मंजिला ईमारत समाजवादी पार्टी की तरह अपने भ्रष्टाचार के बोझ से ढह गई जिसमे 7 मासूम जिंदगी दफ़न हो गई. क्या यह सपा सरकार के अवैध निर्माण का प्रतीक नहीं है.
• प्रदेश में अवैध हथियारों के दुरुपयोग का आलम यह है कि एक साल में 25000 से ज्यादा आर्म्स एक्ट के मुकदमें दर्ज हुए, 1400 से ज्यादा लूटऔर डकैती की घटना हुई, रामवृक्ष यादव वाली घटना में एक आईपीएसअफसर की शहादत हुई. अखिलेश सरकार के राज में जियाउल हक़ की हत्यामें मंत्री पर आरोप लगा मनोज द्विवेदी एवं तंजील अहमद हत्या की गई. भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आने के बाद एक ओर भू-माफियाओं द्वारा जब्त की गई जमीनों को मुक्त कराने के लिए एंटी भू-माफिया टास्क-फ़ोर्स का गठन करेगी. वही 15 साल से सपा और बसपा के राज में हुए घोटालों के जाँच के लिए स्पेशल टास्क-फोर्स का गठन करेगी.
• अखिलेश सरकार में 1 लाख करोड़ का खनन घोटाला हुआ है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद हम अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष टास्क-फोर्स का गठन करेंगे और घोटालों की जाँच करके सरकारी नुकसान की भरपाई भ्रष्टाचारियों से करवायेंगे.
• कानून व्यवस्था के मामले में प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या पुलिस के पदों की रिक्तता है. अखिलेश सरकार के समय भर्तियों में भेद-भाव किया गया. हम प्रदेश के सभी युवाओं को पक्षपात किये बिना सरकार आने के तुरंत बाद पुलिस विभाग में खाली 1.5 लाख पद बहाली करेंगे. प्रदेश में क्लास तीन एवं चार श्रेणी की नौकरीयोंमें इंटरव्यू को समाप्त करके भाजपा भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लायेगी.
• अखिलेश की सरकार में 2014 में 47,064 अपराध दलितों के खिलाफ हुए. देश भर में दलितों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न में अकेले यूपी की हिस्सेदारी 17 फीसदी से ज्यादा है. नेशनल क्राइम ब्यूरों के मुताबिक उत्तप्रदेश में दलितों की हत्याओं की दर राष्ट्रीय दर से दुगुनी है. उत्तप्रदेश के आंकड़ो से जो एक बात उभर कर आई है कि दलित महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों की संख्या भी अखिलेश सरकार के राज में राष्ट्रीय दर से ऊँची है.
• इतना ही नहीं पिछले दो महीनों में अकेले लखनऊ में व्यापारीयों पर 18 बार हमले किये गए. आज के समाचार पत्र प्रकाशित में श्रवण शाहू हत्याकांड में जिस प्रकार पिता और पुत्र दोनों की हत्या हुई है वह यह दर्शाता है कि गुंडाराज के आगे अखिलेश सरकार ने घुटने टेक दिये है. लगातार जेल से संगठित इस तरह के अपराध दुर्भाग्यपूर्ण है, परन्तु हम इसको बदलेंगे. पिछले 5 साल में व्यापारियों के खिलाफ हमले की गणना करे तो यह पूरे प्रदेश में 40,000 से ज्यादा है. यह आंकडे अखिलेश सरकार की अराजकता और अपराधी संरक्षण की भूमिका दिखाते है.
• यह आश्चर्यजनक बात है कि अखिलेश सरकार के राज में हजारों अपराधी पेरोल पर फरार है. हम यह पूछना चाहते है कि किसकी शह पर अपराधी बाहर घूम रहे है? जेल के अन्दर से अपराधीयोंके संगठित गिरोह चल रहे है. बनारस जेल कांड पूरा प्रदेश जानता है.भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद 45 दिनों के अन्दर सभी फरार अपराधियों को जेल के अन्दर किया जायेगा. तथा जेलों को आधुनिकीकरण करके जेलों के अन्दर से चल रहे संगठित अपराध पर अंकुश लगाई जाएगी. अपराधों की जाँच में वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल कर प्रदेश में 6 फ़ॉरेंसिक लैबोरेटरी की स्थापना की जाएगी. प्रदेश में अपराधों से लड़ने के लिए पुलिस कर्मियों के कल्याण योजना पर भी हमारी सरकार सभी बड़े शहरों में शहीद रोशन सिंह रेजिडेंशियल टाउनशिप बनाएगी. जिसमें स्कूल, पार्क सहित सारी अत्याधुनिक सुविधा रहेगी. पुलिसकर्मीयों के परिवार के लिए स्वास्थ कैंप, उनकी शिकायतों का समय पर निवारण के लिए गृहमंत्रालय के देख-रेख में ग्रीवेंस सेल बनाई जाएगी.
• उत्तरप्रदेश में अखिलेशसरकार के शासनकाल में पत्रकार हमलों से आहत हए तब भी अखिलेश सरकार कानों में तेल डालकर बैठी रही. चाहे फ़ैजाबाद के पेट्रोल पम्प पर चार प्रत्रकारों को जिन्दा जलाने की कोशिश हो, चाहे शाहजहाँपुर में पत्रकार को जिन्दा जलाने की घटना हो, चाहे पीलीभीत में एक पत्रकार को सरेआम बाइक से बांधकर घसीटने का मामला हो या फिर 10 जून को कानपूर के नोवास्ता में पत्रकार दीपक कुमार को गोली मारकर हत्या का मामला हो यह सभी घटना इस बात को दर्शाता है कि अखिलेश सरकार के संरक्षण में माफियाओं ने भ्रष्टाचार का मामला उठाने वाले पत्रकार को भी प्रताड़ित किया है. प्रदेश में अराजकता इतना ज्यादा है कि यहाँ तो कलम को भी कलम कर दिया जाता है.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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