(1) बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों व समस्त 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की विशेष बैठक आयोजित, जिसमें चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ ख़ासकर निर्वाचन आयोग द्वारा लागू चुनाव आचार संहिता को पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ अक्षरशः पालन करने का निर्देश।
(2) बी.एस.पी. अनुशासित पार्टी के रूप में जानी जाती है और चुनाव के दौरान भी बी.एस.पी. को पूरे तौर से अनुशासित होकर काम करना है। यह ग़़रीबों व खासकर उपेक्षित वर्ग एवं लोकतंत्र के व्यापक हित में है।
(3) सात चरणों में यहाँ हो रहे विधानसभा आमचुनाव के सम्बंध में उन्होंने नई रणनीति पर चर्चा की तथा इस सम्बंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिये।
(4) भाजपा व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी लोकसभा की घोर चुनावी वादाखिलाफी व नोटबन्दी के अपरिपक्व व अत्यन्त जनपीड़ा देने वाला फैसले का ख़ामियाजा भुगतने के डर से किस्म-किस्म की बयानबाजी व संसद का बजट सत्र समय से पहले करने आदि के अनेकों प्रकार के हथकण्डे अपना रही है जिससे सावधानी अत्यन्त ज़रूरी: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।
लखनऊ, 07 जनवरी 2017: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों व प्रदेश के समस्त 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की आज यहाँ एक विशेष बैठक आयोजित करके चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ ख़ासकर भारत निर्वाचन आयोग (ई.सी.आई.) द्वारा लागू चुनाव आचार संहिता के सम्बंध में उन्हें पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया।
बी.एस.पी. प्रदेश कार्यालय 12 माल एवेन्यू में आयोजित इस बैठक को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि बी.एस.पी. एक अनुशासित पार्टी के रूप में जानी जाती है और चुनाव के दौरान भी बी.एस.पी. को पूरे तौर से अनुशासित होकर काम करना है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित नये चुनाव आचार संहिता के सम्बंध में विस्तार से जानकारी देते हुये बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि इसमें कई नई हिदायतों को शामिल किया गया है, जिसकी जानकारी ज़मीनी स्तर पर पार्टी के हर पदाधिकारी व कार्यकर्ता एवं पार्टी उम्मीदवारों को जरूर होनी चाहिये और उनका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिये। यह लोकतंत्र के व्यापक हित में है और इस कार्य में चुनाव आयोग को पूरा सहयोग करने की आवश्यकता है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने से गरीबों व कमजोर एवं उपेक्षित वर्गो को भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में आसानी होगी।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि विधानसभा स्तर पर छोटी-छोटी मीटिंगों का सिलसिला भी लगातार जारी रहना चाहिये तथा सात चरणों में यहाँ हो रहे विधानसभा आमचुनाव के सम्बंध में उन्होंने नई रणनीति पर चर्चा की तथा इस सम्बंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिये।
उन्होंने कहा कि भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी लोकसभा की घोर चुनावी वादाखिलाफी पर से लोगोे का ध्यान बाँटने के लिये नोटबन्दी को अत्यन्त जनपीड़ा देने वाला फैसला जल्दबाजी में काफी अपरिपक्व तरीके से ले लिया और अब उसका ख़ामियाजा भुगतने के डर से भाजपा के नेतागण किस्म-किस्म की बयानबाजी व अनेकों प्रकार के हथकण्डे अपनाने का प्रयास कर रहे है। इसी के तहत ही संसद का बजट सत्र विधानसभा चुनाव के दौरान ही आहूत कर लिया गया है ताकि बजट में कुछ लोक-लुभावन घोषणायें करके ख़ासकर उत्तर प्रदेश की आमजनता को बहकाया जा सके, जिससे लोगों को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है।
इसी प्रकार सपा के पारिवारिक कलह व घमासान से प्रदेश की आमजनता को मुक्ति पाना जरूरी है। सपा उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी है। पहले यहाँ उसके राज में जंगलराज व साम्प्रदायिक दंगे व तनाव के कारण उत्तर प्रदेश हर स्तर पर बदहाल रहा और काफी बदनाम भी हुआ है और इन्हीं कारणों से अख़बारों की सुर्ख़ियोें में रहा।
परन्तु अब इस ऐसी सरकार से मुक्ति पाने का सही समय आ गया है। सपा के दोनों ही गुटों को मालूम है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं और इसीलिये यहाँ आक्सीजन पर चल रही कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का समझौता करने पर आतुर है, जिसके बारे में भी आमजनता को जागरूक व सावधान करते रहने की जरूरत है। इसके अलावा सपा के दोनों गुटों में राजनीतिक व चुनावी मजबूरी के तहत अगर तोड़-फोड़ रूक जाती है अथवा दोनों गूटों के बीच तलवारबाजी कम भी हो जाती है तो भी इससे प्रदेश व यहाँ की आमजनता का कोई भी भला होने वाला नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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