भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालया के माधव सभागार में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के 61वें परिर्निवाण दिवस पर श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि एक राष्ट्र एक विधान ओर एक निशान के पक्षधर बाबा साहब थे। पंड़ित श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी उक्त विचारों के आधार पर ही जनसंघ की नींव डाली थी। संविधान के निर्माता के रूप में जो पहचान है कही उसे बड़ा काम उन्होंने दलित समाज को उनका सम्मान और अधिकार दिलाने का काम किया। नेहरू सरकार द्वारा जब धारा 370 पेश करने को कहा तब उन्होंने उस विभाजनकारी धारा का विरोध किया और संविधान सभा के सामने पेश नहीं किया। दूसरे सदस्य ने पेश किया।
अध्यक्षता करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष रामनरेश रावत ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर युग दृष्टा थे। दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री थे। बाबा साहब ने सन् 1932 में ‘‘प्राबलम्ब आफ द रूपीज’’ थीसिस पर पीएचडी मिली थी। उसी पुस्तक में उन्होंने कहा था कि कागजी मुद्रा प्रति दस वर्ष में चलन से बाहर करके नयी मुद्रा लानी चाहिए।
इस अवसर पर हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि बाबा साहब को सच्ची श्रद्धाजंलि उनके स्वप्नों का भारत बनाना जो कार्य भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी कर रहे है। प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार गरीबों को समर्पित सरकार है।
प्रदेश महामंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा रामचन्द्र कनौजिया ने अभ्यागतो का आभार व्यक्त किया। उक्स अवसर पर शिव भूषण सिंह, अजय सिंह, अम्बरीश रावत, रामचन्द्र बनौधा, विद्यासागर अवस्थी, चैधरी जगदीश धानुक, राज किशोर रावत, उमेन्द्र प्रताप, शनी श्रीवास्तव, राहुल तिवारी आदि उपस्थित थे। उपस्थित सभी लोगों ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयलालिता जी को कुछ क्षण मौन रखकर श्रद्धाजंलि दिया तथा उन्हें गरीबों का हितैषी, लोकप्रिय, जननेता बताया। उक्त सभी उपस्थित लोगों के साथ डा0 बी0आर0 अम्बेडकर की हजरतगंज चैराहे पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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