चन्द्रशेखर आजाद की अस्सीवी तिथि पर संगोष्ठी सम्पन्न

Posted on 27 February 2010 by admin

राष्ट्रीय जनतान्त्रिक क्रान्ति की धारा में जनमी चुगान्तर समित, अनुशीलन समित एवं बब्बर अकाली दल 1917 की सोवियत क्रान्ति के पश्चात लक्ष्य और सिद्धान्त का चिन्तन बढ़ा यहीं कारण है कि अमर शहीद शिरोमणि चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मीZ बनी जिसने लगातार हमलों से ब्रिटिश साम्राज्यवादी शाषकों की चूल हिला दिया। लेकिन साम्राज्यवादियों की दलाली में लगे कांग्रेसियों, कम्युनिष्ठों, शोषलिष्टों ने विश्वासघात कर आजद सहित उनके तमाम साथियों को शहादत देनी पड़ी। परन्तु आज के भारत में बढ़ता हुआ धार्मिक आडम्बर के कारण उन्हें भी भूल गया है।

भारत की क्रान्तिकारी समाजवादी पार्टी (मा.-ले.) की जिला इकाई द्वारा जिला परिषद स्थित पार्टी कार्यालय पर शहीद शिरोमणि चन्द्रशेखर आजद के अस्सी वे. शाहदत दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता कोरी समाज के मण्डल अध्यक्ष आरपी कोरी एवं संचालन जिला मन्त्री दिनेश कुमार दूबे ने किया। संगोष्ठी के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सचिव कामरेड वीआर तिवारी ने कहा शहीदों की शहादत का लक्ष्य अधूरा है। जब तक उनके सोंच का भारत नहीं बनता मनुष्य-मनुष्य के रक्त पर निर्भर रहेगा। जनक्रान्ति की मानवीय धारा से जुड़े शहीदों ने श्रम की सत्ता का सपना देखा था लेकिन तथाकथित आजाद भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के षडयन्त्र में फंसी कांग्रेस, कम्युनिष्ट समझौता करके देश को सम्प्रदावाद की दावाग्नि में धकेल दिया वही पूंजी की सत्ता कायम करके श्रमिक शोषित जनता का शोषण दोहन, उत्पीड़न आबाध गति से किया जा रहा है। उनके शहादत की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब भारत सहित पूंजी की सत्ता का ध्वंश और रक्षक राजयन्त्रों का उन्मूलन कर सारी दुनिया में श्रम की सत्ता कायम हो जाय। अध्यक्षता कर रहे कामरेड कोरी ने कहा कि शासकों के षडयन्त्र को समाज में उत्पन्न हुई जातियता, सम्प्रदायिकता एवं क्षेत्रियता की मधानता समाप्त कर कोरी समाज और आज की विभिन्न जातियों और श्रेणियों में बटा हुआ मजदूर वर्ग अपने अिस्त्तव से शासक शोषक वर्ग को चुनौती नही देता तब तक उसके जीवन में कोइ्र मूलभूत परिवर्तन नही होगा। यहीं पर आजाद के वह शब्द मूल्य से पहले कहा था कि “मिले गरीबों को रोटी तो मेरी जान सस्ती है´´ परन्तु रोटी के बजाए शासक शोषक वर्ग आतंकवाद और नक्सलवाद के नाम पर गोलियों की बौछार करा रहे हैं। उन्होनें संगोष्ठी में आये पार्टी के सदस्यों एवं सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं का क्रान्तिकारी अभिवादन किया। इस अवसर पर वििश्ष्ठ वक्ता प्रमोद कुमार पाण्डेय, नितिन तिवारी, रमेश चन्द्र गौतम, मंगल पाण्डेय, राजनरायन पाठक, उमाशंकर त्रिपाठी एडवोकेट ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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