मंत्रिपरिषद ने ग्राम प्रधानों के मानदेय तथा अधिकारों में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है। ग्राम प्रधानों के कर्तव्यों एवं दायित्वों में बढ़ोत्तरी एवं उनकी मांगों पर विचार करते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। ग्राम प्रधानों के मानदेय में 40 प्रतिशत वृद्धि करते हुए इसे 2,500 रुपए से बढ़ाकर 3,500 रुपए कर दिया गया है। मनरेगा के अनुरूप केन्द्रीय एवं राज्य वित्त आयोग के तहत लिए गए निर्णय के अनुसार 2 लाख रुपए तक के कार्यों की प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। साथ ही, वार्षिक कार्य योजना की स्वीकृति पूर्ण रूप से ग्राम सभा की खुली बैठक में किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा, यात्रा एवं आनुसंगिक व्यय के रूप में खर्च के लिए अनुमन्य 5,000 रुपए की धनराशि को बढ़ाकर अधिकतम 15 हजार रुपए प्रतिवर्ष किए जाने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही, ग्राम प्रधानों को आकस्मिक खर्च के रूप में 01 हजार रुपए के स्थान पर 5,000 रुपए अपने पास रखने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
प्रस्तावित वृद्धि इस शर्त के तहत अनुमन्य की गई है कि इन मदों पर व्यय होने वाली धनराशि ग्राम पंचायतें अपनी ग्राम निधि में जमा धनराशि (जिसमें राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पंचायतों को संक्रमित की जाने वाली धनराशि भी शामिल हैं) में से वहन करेंगी तथा इसके लिए अलग से कोई बजट आवंटित नहीं किया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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