मानव कल्याण सेवा धर्म द्धारा 11 सितम्बर 2016 को आयोजित ‘विश्व धर्म संसद में पारित प्रस्ताव भूखे को भोजन दो, प्यासे को पानी दो, नंगे बदन को कपड़ा दो, अशिक्षित को शिक्षा दो, बीमार को दवाई दो, मानवीय व्यवस्था सम्यक अर्थव्यवस्था और त्वरित न्याय के मानवता के उत्कर्ष का संकल्प प्रस्ताव का बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी ने पुरजोर समर्थन करते हुए सराहनीय कदम बताया है।
यह उद्गार आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष श्री जीतन राम मांझी ने वी0वी0आई0पी0 गेस्ट हाउस लखनऊ में मानव कल्याण सेवा धर्म द्धारा प्रकाशित मानवता के उत्कर्ष दस्तावेज को अवलोकन के उपरान्त मानव कल्याण सेवा धर्म के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान व्यक्त किये।
आज पूरा देश हजारों जातियों एवं विभिन्न धर्मों में बंटकर विश्व की स्पर्धा में भागीदार नहीं हो सकता ऐसी स्थिति में मानव कल्याण सेवा धर्म द्धारा सभी धर्मो, सभी जातियों, सभी वर्गों को संगठित कर एक प्लेटफार्म पर लाकर ही मानव कल्याण के साथ ही स्वर्णिम भारत का निर्माण हो सकता है। श्री मांझी ने मानव कल्याण सेवा धर्म द्धारा लखनऊ में आयोजित विश्व धर्म संसद द्धारा मानव कल्याण के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करते हुए इसे देश का क्रांतिकारी कदम बताया। श्री जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर द्धारा सभी अछूत जातियों को संविधान में अनुसूचित जाति का दर्जा दिया और उन्हें सांस्कृतिक आंदोलन द्धारा एकीकृत करके जातिमुक्त भारत का सपना देखा। इस अवसर पर द बुद्धिस्ट सोसाइटी आॅफ इण्डिया के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगजीवन प्रसाद द्धारा उच्च न्यायालय लखनऊ द्धारा बौद्ध प्रमाण पत्र जारी कराये जाने संबंधी आदेश की प्रति श्री मांझी को आवश्यक सहयोग के लिए सौंपी तथा अनुरोध किया कि भारत सरकार द्धारा तत्काल लागू कराने में सहयोग दीजिए। प्रतिनिधि मंडल में मानव कल्याण सेवा धर्म के संस्थापक एम0 इकबाल, के0पी0 चैधरी व पंचम लाल उपस्थित थे। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मो0तुफैल अहमद अशरफी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए विश्व धर्म संसद प्रस्ताव का समर्थन किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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