प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा मूल्य समर्थन योजना वर्ष 2016-17 में धान क्रय के लिए क्रय संस्थाओं को 65 करोड़ रुपये की धनराशि अग्रिम ऋण के रूप में मंजूर की गयी है।
खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार धान क्रय संस्थाओं को यह ऋण कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के साथ अनुमन्य किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम लि0 को 15 करोड़, उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव यूनियन लि0 को 10 करोड़, उ0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण निगम को 15 करोड़, यू0पी0 स्टेट एग्रो इण्टस्ट्रियल काॅपोरेशन लि0 को 10 करोड़ तथा यू0पी0 को-आपरेटिव फेडरेशन लि0 को 15 करोड़, कुल 65 करोड़ रुपये की, अग्रिम ऋण के रूप में स्वीकृति दी गयी है।
खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा आयुक्त, खाद्य एवं रसद को निर्देशित किया गया है कि यह अग्रिम ऋण इस प्रतिबन्ध के साथ स्वीकार किया जाय कि इसका आहरण गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वीकृत ऋण की धनराशि की ब्याज सहित वापसी शासकीय कोष में जमा की जाय। जमा राशि के बाद अथवा पूर्व स्वीकृत अग्रिम ऋण शासकीय कोष में जमा न होने की दशा में उसका समायोजन ब्याज सहित इस अग्रिम ऋण से करने के बाद अवशेष धनराशि अवमुक्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। सम्बन्धित धान क्रय एजेन्सियों को स्वीकृत धनराशि 31 मार्च, 2017 तक ब्याज सहित शासन को वापस करना होगा।
खाद्य एवं रसद आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि अग्रिम ऋण की पूरी धनराशि मय ब्याज के निर्धारित अवधि तक राजकोष में अवश्य जमा कर दी जाय। क्रय एजेन्सियों से अग्रिम ऋण की धनराशि पर उसी दर से ब्याज लिया जाएगा, जिस दर पर वाणिज्यिक बैंक खाद्यान्न के क्रय के लिए अग्रिम स्वीकृत करते हैं।
खाद्य आयुक्त उक्त धान क्रय एजेन्सियों के प्रबन्ध निदेशक/अधिशासी निदेशक से अनुबन्ध आदि की आवश्यक कार्यवाही अपने स्तर से सुनिश्चित करेंगे।
खाद्य एवं रसद विभाग इस व्यवस्था से मूल्य समर्थन योजना के तहत धान की खरीद सुचारू रूप से कर सकेगा। धान बेचने वाले किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य एजेन्सी पर मौके पर ही मिलेगा और उन्हें अपने उत्पाद के मूल्य के लिए परेशान नहीं होना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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