उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज आचार्य नरेन्द्र देव एवं लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी की पुण्य तिथि पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने गोमती तट पर स्थित आचार्य नरेन्द्र देव की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित किये तथा जी0पी0ओ0 स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव, श्री उदय खत्री, पूर्व मेयर श्री दाऊजी गुप्ता, श्री सुधीर हलवासिया सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव शिक्षाशास्त्री थे और मूलतः शिक्षक थे। शिक्षा से उनका गहरा जुड़ाव था। वे लखनऊ विश्वविद्यालय एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। आचार्य नरेन्द्र देव ने शिक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में अपने कार्य के द्वारा अमिट छाप छोड़ी। देश की शिक्षा को उन्होंने विशेष दिशा दी। कुलपति रहते हुए मिलने वाले मानदेय को वे गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा एवं भोजन के लिये दे दिया करते थे। वे समाजवादी आन्दोलन के मूर्धन्य विचारक थे। उन्होंने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी विचारों के अधिष्ठाता थे।
श्री नाईक ने सरदार वल्लभभाई पटेल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। देश को एकता के सूत्र में पिरोने में सरदार पटेल की बड़ी भूमिका रही है। सरदार पटेल ने छोटी-छोटी रियासतों को इक्ट्ठा करके भारत में विलीन करने का मत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने हैदराबाद रियासत का भी भारत में विलय कराया। आजादी से पहले उन्होंने किसानों का नेतृत्व किया था, जिसके कारण महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की पदवी दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का निर्णय कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्मदिवस राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाय, स्वागत योग्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरहद पर तैनात सैनिकों का अभिनन्दन करने व मनोबल बढ़ाने के लिये उनके साथ दीपावली का त्यौहार मनाया है। देश की सेना ने भारत के पराक्रम को दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे महापुरूषों से सीखने की जरूरत है।
राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीया श्रीमती इन्दिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने लम्बे समय तक देश का नेतृत्व किया। पाकिस्तान से युद्ध के दौरान उन्होंने नीतिगत निर्णय करके उसे पराजित किया जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गये। उन्होनें कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव और सरदार वल्लभभाई पटेल एवं इन्दिरा गांधी ने जिस देशभक्ति का रास्ता दिखाया उस पर चलने का संकल्प करें और अपने व्यवहार में लायें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ भी दिलाई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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