प्रदेष के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम के क्रम में प्रदेष के पारेशण निगम द्वारा ललितपुर तापीय परियोजना (क्षमता 3ग660 मेगावाॅट) से ऊर्जा निकासी सुनिष्चित करने हेतु निर्धारित पारेशण तन्त्र के प्रथम चरण के अन्तर्गत 765 के0वी0 उपकेन्द्र फतेहाबाद, आगरा पर एक नग 1500 एम0वी0ए0 परिवर्तक, 765 के0वी0 ललितपुर - आगरा पारेशण लाइन का एक परिपथ एवं 400 के0वी0 आगरा (यू0पी0) - मुरादनगर लाइन के एक परिपथ का 765 के0वी0 उपकेन्द्र फतेहाबाद, आगरा पर लीलो लाइन ऊर्जीकृत कर लिया गया है।
यह जानकारी देते हुए उ0प्र0 ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक विशाल चैहान ने बताया कि ललितपुर तापीय परियोजना से सुचारू ऊर्जा निकासी सुनिष्चित करने हेतु सम्बन्धित पारेशण तंत्र का निर्माण त्वरित गति से सम्पादित करवाया जाना था। इस कार्य को अभियंत्रणीय चुनौती के तौर पर लिया गया एवं लगभग 336 कि0मी0 लम्बी 765 के0वी0 विभव की लाइन की पूर्णता लगभग 23 माह में ही सुनिष्चित कर ली गयी जोकि इस प्रकार की लाइन के निर्माण हेतु निर्धारित मानक से कम है। प्रमुख सचिव (ऊर्जा)संजय अग्रवाल द्वारा इस महत्वपूर्ण परियोजना का नियमित अंतराल पर अनुश्रवण किया गया जिससे कार्य में आने वाली विभिन्न समस्याओं विषेशतयः इस लम्बाई की पारेशण लाइन में आने वाली भिन्न प्रकार की बाधाओं का ससमय निराकरण सुनिष्चित हो सका एवं यह महत्वपूर्ण परियोजना पूर्ण हो सकी। श्री चैहान द्वारा बताया गया कि इस महत्वपूर्ण लाइन के निर्माण में 25 पावर लाइन क्राॅसिंग , 08 रेलवे क्राॅसिंग , 05 रिवर क्राॅसिंग एवं वन अनापत्ति से सम्बन्धित कार्य सुनिष्चित कराये गये जिसमें से कुछ पावर लाइन क्राॅसिंग का कार्य तो किसी चलती पारेशण लाइन को बिना बन्द किये ऊर्जीकृत (लाइव) अवस्था में ही सम्पादित किया गया।
कार्य सम्पादन में संसाधनों की मितव्ययिता सुनिष्चित करने के दृश्टिकोण से 765 के0वी0 लाइन के निर्माण में लाइन के परिपथ को मध्य प्रदेष राज्य से पार कराया गया जिससे कि न केवल लाइन की लम्बाई कम हुई अपितु निर्माण की लागत में भी लगभग रू0 200 करोड़ की बचत हुई।
इस पारेशण तन्त्र ऊर्जीकरण के उपरान्त ललितपुर तापीय परियोजना से उत्पादित 1980 मेगावाॅट ऊर्जा की सुचारू निकासी एवं प्रदेष के जनमानस को उपलब्धता का मार्ग प्रषस्त हो गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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