रिपोर्टर-आपसे अध्यक्षी छीनी गयी आपको बुरा लगा ?
CM-मुझसे अध्यक्षी छीनी गयी , आपने परिणाम देखा,बवाल हो गया…
मुलायम सिंह यादव की ख़ुशी के लिए बड़े फैसले लूंगा…..
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अखिलेश मेरी बात नही टालेगा - मुलायम
पिता बेटे में विवाद हो जाता है-
गायत्री पर हुई कार्यवाही रदद् होगी -
मुलायम का कूटनीतिक खेल-
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पूरे प्रकरण में अनीता सिंह बाहर हैं। उनहें मीडिया इस झगड़े में न खींचे इसलिये रणनीति के तहत वह महीने भर के लिये बाहर हैं। यानी यह कुछ हफते और चलेगा।
परिवार ने मिलकर अमर को बाहरी करार दिया, जिसमें अमर की भी सहमति है। मतलब यह कि चाचा-भतीजे के झगड़े का कारण अमर को बता कर पूरे खरमंडल का जिम्मेदार बना दिया गया है। अमर को तो कुरसी चाहिए इसलिए उनपर इन बातों का कोई असर भी नहीं होगा। आगामी विधानसभा चुनाव के पहले यह एक होकर लड़ेंगे। अमर तो वृहंलला रहेगा ही। लववोलुआब यह कि अखिलेश को टीपू के इमेज से निकाल लिया गया है। अब उत्तर प्रदेश में सपा के चार नहीं एक मुख्यमंत्री अखिलेश ही है। कयोंकि शिवपाल को भी मालूम है कि अखिलेश अब उनसे बड़ा हो गया है और वह बाहर जाएंगे तो कमजोर ही रहेंगे। तो नाटक का पटाक्षेप जल्द ही समाप्त होना है। मुलायम के बाद सर्वमान्य अखिलेश ही होंगे। दरअसल इस खानदान की दूसरी पीढ़ी की राजनैतिक बागडोर अखिलेश के लिये सौंप दी गई है। जिसमें सभी की सहमति थी। खैर, मुलायम, अमर, रामगोपाल, शिवपाल व अखिलेश की मिलीभगत से हो-हल्ला मचा, हो सकता है कि यह कुछ दिन और चले। बाद में यह एक होंगे, परिवार जो एक है।
संयुक्त परिवार के लोग ही इस लड़ाई के पटाक्षेप को समझेंगे। एकल परिवार वाले (जिसका ससुराल मजबूत हो) नहीं समझेंगे। वह यही समझेंगे कि शिवपाल अलग जा रहे हैं।
दशकों से एकल परिवार में रहने वाले ढेरों पत्रकार संयुक्त परिवार की समीक्षा कर रहे हैं, कितना हास्यास्पद है न यह।
शिवपाल यादव के सारे विभाग वापस होंगे साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भी बने रहेंगे..गायत्री प्रसाद को इस बार नहीं मिलेगा खनन विभाग..सजल अग्रवाल