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बजट मे किसानों की पूरी तरह उपेक्षा

Posted on 26 February 2010 by admin

समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा केन्द्र सरकार द्वारा 2010-11 के लिए प्रस्तुत बजट पूर्णतया विरोधाभासी, मंहगाई बढ़ाने वाला और लोक कल्याण की भावना से अछूता है। इसकी प्रस्तुति के साथ ‘ोयरों में उछाल आने से स्पश्ट है कि इसमें पूंजीघरानों के हितों का पूरा संरक्षण किया गया है। वित्तमन्त्री श्री प्रणव मुकर्जी ने देश के 80 प्रतिशत उन लोगों की कोई चिन्ता नहीं की जो 20 रूपए से भी कम पर रोज जिन्दगी बसर करते हैं। इसमें बी0पी0एल0 कार्ड धारकों के लिए भी कुछ नहीं है। खेती किसानों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। यह आकड़ों में उलझाकर देशवासियों को झूठे सपने दिखाने की कांग्रेस परम्परा की ही कड़ी में एक और बजट है।

वित्तमन्त्री श्री प्रणव मुकर्जी ने एक ओर तो हरित क्रान्ति खाद्य भण्डारण क्षमता बढ़ाने, ग्रामीण विकास की बातें की हैं लेकिन दूसरी ओर क्षेत्र के विस्तार, पेट्रोल डीजल मंहगा करने और किसानों के कर्ज पर ब्याज कम न करके जता दिया है कि इस सरकार की प्राथमिकता खेती किसान गांव न होकर उच्च वर्ग के स्वार्थो का पोशण ही है। अभी कल ही मंहगाई पर बहस में श्री मुलायम सिंह यादव ने बताया था कि हर वशZ 3 प्रतिशत खेती का क्षेत्रफल घटता जा रहा हैं। जब खेती का क्षेत्रफल घट रहा है तो कृिश उत्पादन बढ़ने, भण्डारण बढ़ने का क्या मतलब र्षोर्षो किसान को न तो सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है, न खाद, बीज, बिजली संकट बरकरार है ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाकर सरकार ने मंहगाई को और बढ़ाने का रास्ता खोल दिया है। इसका फायदा मुनाफाखोर और सट्टेबाज ही उठाएगें।

पूरे देश में पक्के मकान बनाने का सपना दिखाने वाले वित्तमन्त्री ने सीमेंट मंहगी कर दी है। परिवहन व्यय से दूसरे साजो सामानों भी बढ़ जाएगेंं। हां, वित्तमन्त्री ने एक काम जरूर किया है कि वह बडी तनख्वाह वालों को बड़ी रियायतें आयकर में देने जा रहे हैं। मध्यम वर्ग और किसान मजदूर तबाह पहले था अब और तबाह होगा।

मनरेगा के नाम पर 40 हजार एक सौ करोड़ रूपए रखकर केन्द्र सरकार ने राश्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी अपने लूटतन्त्र में जोड़ लिया है। मनरेगा गरीबों के नाम पर भ्रश्टाचार का बहुत बडा साधन बन गया है। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड के लिए एक हजार दो सौ करोड़ की केन्द्रीय मदद ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित होने वाली है। इसमें पूर्वांचल का कहीं जिक्र नहीं है। गन्ना धान, गेहूं किसानों के लिए इसमें राहत का एक ‘ाब्द भी नहीं है। केन्द्र सरकार की मनमानी और जन विरोधी नीतियों के विरूद्व देश को जनान्दोलन के लिए तैयार रहना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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