Categorized | लखनऊ.

श्री हनुमान जंयती पर विशेष

Posted on 19 April 2016 by admin

राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र निगोहा के उतरावां गांव में एक ऐसा 300 वर्ष प्राचीन श्री हनुमान मंदिर है, जिसमें हनुमान जी के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ-साथ बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते है। मंदिर प्रांगण में ही शिवालय भी बना हुआ है जो काफी जर्जर अवस्था में आ चुका है। हनुमान जी की मूर्ति और शिवालय की गुम्बद व दीवारों की स्थिति को देखकर  मंदिर की प्राचीनता आसानी से जानी जा सकती हैं।
राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र निगोहां से लगभग 12 किमी0 अंदर उतरावां गांव है। इस गांव में 300 वर्ष पूर्व एक संत जिन्हें लोग बाबा जगन्नाथ दास के नाम से जानते थे, आये। उस समय इस गांव में बहुत सीमित घर थे और आबादी भी बहुत कम थी, चारों तरफ जंगल था। यह महात्मा गांव में ही रहने लगे और पेड़ पर बैठकर अक्सर बासुंरी बजाते थे और गाय का दूध पीकर हरि नाम संकीर्तन करते हुए जीवन यापन करते थे।
बाबा जगन्नाथ दास जी ने उसी दौरान गाय के गोबर व मिट्टी को मिलाकर श्री हनुमान जी की प्रतिमा बनाकर गांव में पूजा अर्चना प्रारम्भ कर दी। मंदिर के समीप ही राम तल्लैया और लक्ष्मण तल्लैया है। एक बार मंदिर में यज्ञ और भंडारा हुआ, उस भंडारे में घी कम पड़ गया तब बाबा जगन्नाथ जी ने श्रद्धालु भक्तों ने कहा कि राम तल्लैया से दो मटके उधार ले लो तब श्रद्धालु भक्त बाबा जगन्नाथ को अचंभित होकर निहारने लगें। पुनः बाबा जी के कहने पर राम तल्लैया से दो मटका पानी लाये और उसको कड़ाई में डाला तो वह घी का काम कर गया। उसके बाद अगले दिन राम तल्लैया में दो मटका घी डाल दिया। यह घटना गांव वालों के लिए अचंभित करने वाली थी। बाबा जगन्नाथ जी की मृत्यु के उपरांत इसी गांव में समय-समय पर तीन और महात्मा आये और मंदिर में आज भी चारों महात्माओं की समाधि बनी हुई है।
चारों महात्माओं की मृत्यु के उपरांत कई श्रद्धालु भक्तों ने मंदिर का जीर्णोद्धार करने का प्रयास किया, लेकिन जीर्णोद्धार करते समय दिक्कतें आ जाती थी और मंदिर के जीर्णोद्धर का कार्य रूक जाता था। वर्ष 2011 में राजधानी लखनऊ से एक श्रद्धालु भक्त इस मंदिर में आये हनुमान जी के दर्शन के उपरांत उन्होनें 5100 रू0 इसी गांव के निवासी शैलेन्द्र प्रताप सिंह को दिये और अनुरोध किया कि मंदिर का जीर्णोद्धार प्रारम्भ करवाये। शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने भी यह संकल्प लिया कि मंदिर के जीर्णोद्धार में जितना भी ईंटा लगेगा वह निःशुल्क देगें।
मंदिर का जीर्णाेद्धार करवाने हेतु जैसे ही जे0सी0बी0 मशीन मंगवाई गयी, मशीन खराब हो गयी और यह क्रम दो बार हुआ। इसके बाद मंदिर की खुदाई करते समय सांप और बिच्छू निकल आये और काम रूक गया, इसी दौरान मंदिर में नागा समुदाय के साधु आये और उन्होनें कहा कि मंदिर में चार समाधि है। समाधि और साधना स्थल को अलग अलग कर दिया जाये तो काई रूकावट नहीं आयेगी। तब श्रद्धालु भक्तों ने रूद्राभिषेक करवाया और गौ माताओं को भोजन आदि करवाकर मंदिर के जीर्णोद्धार में कोई भी रूकावट न आने की प्रार्थना की। इसके बाद कार्य सुचारू रूप से प्रारम्भ हुआ और मंदिर की बाउन्ड्री बनकर तैयार हो गयी। अभी भी धीरे-धीरे मदिर में कार्य समय-समय पर हो रहा है।
गांव की निवासिनी 70 वर्षीय श्रीमती राज कुमारी सिंह बताती है कि जब वह विवाह कर इस गांव में आयी थी तो उनके पति ने बताया था कि उनके दादा के समय के पहले की यह प्रतिमा है, और इस श्री हनुमान प्रतिमा के दर्शन मात्र से बड़ा से बड़ा संकट दूर होता है और हर मनोकामना दूर होती है। पिछले वर्ष हनुमान जी की कृपा से भव्य रामकथा का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों की संख्या में आस-पास के क्षेत्रों के अलावा कई जिलों से श्रद्धालु भक्त कथा का श्रवण करने आये थे और कई भक्तों की मनोकामनाएं पूरी भी हुई थी और वह पूरे वर्ष भर इस मंदिर में श्रृंगार करने निरन्तर आ रहे है।  इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार व मंगलवार को नियमित रूप से सुंदर काण्ड का पाठ होता है। इस मंदिर में जो श्रद्धालु भक्त जो भी मनोकामना लेकर आता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में समय समय पर हरि नाम संकीर्तन, सामूहिक हनुमान चालीसा आदि कार्यक्रम मंदिर में होते रहते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in