उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक से आज राजभवन में विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने भेट की। ज्ञातव्य है कि विधान सभा अध्यक्ष ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने भेट के दौरान विधान सभा अध्यक्ष को बताया कि कौन-कौन से विधेयक किन-किन कारणों से उनके विचाराधीन हैं। राज्यपाल ने यह भी बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को भी अवगत कराया जा चुका है।
राज्यपाल ने विधान सभा अध्यक्ष को अवगत कराया कि किन कारणों से उनके पास 6 विधेयक क्रमशः (1) उत्तर प्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2015 (2) उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 (3) उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग (संशोधन) विधेयक, 2015 (4) उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई इटावा विधेयक, 2015 (5) उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त तथा उप लोक आयुक्त (संशोधन) विधयेक, 2015 तथा (6) डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक, 2015 विचाराधीन हैं।
श्री नाईक ने 02 जून, 1949 को संविधान सभा में राज्यों के प्रशासनिक एवं विधायी जैसे विषयों पर मुख्यमंत्रियों से सूचनाएं और अभिलेख आदि तलब करने संबंधी राज्यपालों के अधिकारों और मुख्यमंत्रियों के कर्तव्यों पर सम्पन्न हुई बहस जिसमें विशेष रूप से डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की बहस का उल्लेख है, की प्रति भी विधान सभा अध्यक्ष को दी। संविधान सभा में अनुच्छेद 147 पर उक्त बहस प्रारम्भ हुई थी जिसे अन्ततः संविधान सभा द्वारा वर्तमान संविधान के अनुच्छेद 167 के रूप में स्वीकार किया गया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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