भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के राज्य सचिव मण्डल की 4 अप्रैल 2016 की बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस तथा रामदेव के बयानों पर विचार किया गया। राज्य सचिव मण्डल का यह मानना है कि उनके बयानों का असर उ0प्र0 के अंदर माहौल को बिगाड़ने का काम करेगा। देवेन्द्र फड़नवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने यह कहा कि जो भारत माता की जय बोलने को तैयार नहीं है, उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है। उनका यह बयान मुख्यमंत्री के पद की संवैधानिक मार्यादाओं का उल्लंघन करने वाला तथा हिन्दुत्व के राष्ट्रवाद की धारणा को आगे बढ़ाने वाला है। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने संघ के कार्यकर्ता के रूप में बयान देकर सम्पूर्ण देश में संघीय राष्ट्रवाद को स्वीकार न करने वालों के खिलाफ अपने कार्यकर्ताओं को उकसाया है। अपने पद की गरिमा बनाये राख्ने हेतु देवेन्द्र फड़नवीस को यह बयान वापस लेते हुए इस पर खेद व्यक्त करना चाहिए।
देश में घृणा और असहिष्णुता भड़काने का माहौल पैदा करने में रामदेव फड़नवीस से भी आगे निकल गये। उनका साम्प्रदायिक उन्माद एवं पागलपन से भरा कथन कि वह भारत माता की जय न बोलने वलों के सिर काट देते, सीधे तौर पर साम्प्रदायिक नफरत और हिंसा को प्रोत्साहन देना है।
राज्य सचिव मण्डल मांग करता है कि सम्बद्ध अधिकारी तुरन्त भारतीय पैनल कोड के प्राविधान के अन्तर्गत रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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