संत कृपाल आश्रमए स्नेहनगरए आलमबाग में सायं 4 बजे साहित्य.दर्शन के तत्वावधान में सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गयाण् जिसकी अध्यक्षता शिव राम तिवारी ष्शिवष् ने कीण् मुख्य समागत के रूप में कुंवर कुसुमेश ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ायीण्
कार्यक्रम का शुभारम्भ साहित्य.दर्शन के अध्यक्ष डॉण् आशुतोष वाजपेयी ने वाणी वन्दना से किया जिसके बाद श्री कृष्ण मुरारी ष्विकलष् को साहित्य दर्शन आचार्य सम्मान सेए राम शंकर वर्मा को साहित्य दर्शन विशारद सम्मान सेए ज्ञान प्रकाश ष्आकुलष् को साहित्य दर्शन भूषण सम्मान से तथा सय्यद मज़हर अली अब्बास को साहित्य दर्शन रत्न सम्मान से सम्मानित किया गयाण्
इसके पश्चात् सम्मानित कवियों के काव्य पाठ से सरस काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ हुआण् काव्य गोष्ठी का संचालन धीरज मिश्र ने कियाण् यह गोष्ठी सुविख्यात गीतकार देवल आशीष को समर्पित रहीण्
कार्यक्रम में लखनऊ नगर के वरेण्य कवियों ने काव्यपाठ कियाण् मज़हर अब्बास ने कहा.
ष्ग़ज़ल की हिफाज़त नहीं कर सके तुमण्
ग़ज़ल कर रही है हिफाज़त तुम्हारीण्ण्ष्
ज्ञान प्रकाश आकुल गीत का वाचन किया.
ष्कब लौं रहिहौ परदेश पियाए सब नीम के फूल निबौरी बनेण्ष्
राम शंकर वर्मा ने श्रोताओं को फागुनी रंग में रंगते हुए कहा.
ष्चढ़ी फागुन को नौ लोटा भंग रेष्
कृष्ण मुरारी ष्विकलष् ने कहा.
ष्मानव को हर मानव में भगवान मिले यह लालसा हैष्
कुंवर कुसुमेश ने कहा.
ष्भीड़ में रखे उसे या उसे तन्हा रखेष्
अन्त में काव्य पाठ करते हुए डॉ आशुतोष वाजपेयी ने छंदों का वाचन करते हुए कहा.
ष्तोड़ते न सन्त हैं समाज को कभी परन्तुए
राजनीति व्यक्ति व्यक्ति तोड़ती चली गयीष्
कार्यक्रम में वसीम अकरमए अशोक शुक्ल ष्अन्जानष्ए डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थीए एहतेशाम ष्गौहरष् रमा शंकर सिंहए प्रख्यात व्यंग्यकार अनूप मणि त्रिपाठीए सौरभ श्रीवास्तवए शाहबाज़ ष्तालिबष्ए डॉ गोपाल कृष्ण शर्मा ष्मृदुलष् सरवर लखनवी आदि ने भी अपनी रचनाओं का पाठ करके तालियां बटोरींण्ण्ण्
कार्यक्रम के समापन में संस्था के महासचिव मनमोहन सिंह भाटिया ने सभी का आभार व्यक्त कियाण्ण्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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