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नशा मानव समाज के लिए एक अभिशाप

Posted on 30 March 2016 by admin

नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गाॅजा, भाॅग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान बीडी, सिगरेट, हुक्का, चिलम सहित सरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर, जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इस जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्तियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुॅचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को भी बहुत नुकसान पहुॅचाता है। नशा के आदी व्यक्ति को समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता है। नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरूप हो जाता है। उसकी समाज के लिए उपादेयता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शान्ति पूर्ण समाज के लिये अभिशाप बन जाता है। नशा एक अन्तर्राष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है। इस दुव्र्यसन से आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग और विशेष कर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पा लेने में ही मानव समाज की भलाई है। जो इसके चंगुल में फंस गया वह स्वयं तो बर्बाद होता ही है, इसके साथ ही उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है। आज कल देखा जा रहा है कि युवा वर्ग इसकी चपेट में दिनों दिन आ रहा है, वह तरह-तरह के नशे जैसे तम्बाकू, गुटखा, बीडी, सिगरेट और शराब के चंगुल में फंसता ही जा रहा है जिसके कारण उसका कैरियर चैपट हो रहा है।
क्षेत्रीय मद्य निषेध एवं समाजोत्थान अधिकारी श्री आर0एल0 राजवंशी ने आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि किसी भी तरह के नशे से मुक्ति के लिए सिर्फ एक ही उपाय है वह है संयम। वैसे तो संयम कई समस्याओं का समाधान है, लेकिन जहाॅ तक नशा मुक्ति का सवाल है संयम से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है, हाॅ स्वयं की काउन्सलिंग भी नशा मुक्ति में  कारगर है। किसी की काउन्सलिंग करके या किसी से काउन्सलिंग लेकर भी नशे से मुक्त हुआ जा सकता है। व्यसनों से मुक्ति पाने के लिए नशा करने वाले साथियों से अधिक से अधिक दूर रहें। मेहमानों का स्वागत नशे से न करें। घर में या जेब में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला आदि न रखें, बच्चों के हाथ बाजार से नशीले पदार्थ/वस्तुयें न मंगवांयंे। नशा नाश की जड़ है। नशा हर बुराई की जड़ है। इससे बचकर रहने में ही भलाई है। इन पदार्थों से छुटकारा दिलाने के लिये पीडि़त व्यक्ति का उपचार आवश्यक है इस दिशा में सामाजिक स्वैच्छिक संगठनों द्वारा नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किये गये हंै। इन केन्द्रों पर मादक द्रव्य या मादक पदार्थो का सेवन करने वाले व्यक्तियों को छुटकारा दिलाने के लिए निःशुल्क परामर्श सहित उपचार किये जाता हैं।
मद्य निषेध विभाग ने लोगों से आह्वान किया है कि हम सब प्रण करें कि जहां तक सम्भव हो लोगों को नशे के सेवन से रोकेंगे। केवल और केवल व्यसन मुक्त व्यक्ति ही अच्छे समाज व राष्ट्र की रचना कर सकते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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