भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड के प्रति संवेदनशील तो हो अखिलेश सरकार, प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा मुख्य सचिव के बुन्देलखण्ड दौरे के बाद अब मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से लोग उम्मीद तो लगाये है, पर ऐसा न हो कि बुन्देलखण्ड में राहत पहुॅचाने की बजाय पुरा सरकारी अमला, आवभगत में ही लग जाय जैसा की, मुख्य सचिव के दौरे में देखने को मिला। उन्होंने सवाल करते हुए कहा मुख्य सचिव के दौरे के समय जो शिकायतें कामियां प्रकाश में आयी उन पर कार्यवाही हों गयी क्या?
पार्टी मुख्यालय पर सोमवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बुन्देलखण्ड के 31 मार्च सेे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्तावित दौरे को लेकर कहा कि फसल बीमा का भुगतान नहीं हो पाया है, पीने के पानी का संकट बुन्देलखण्ड में अभी से गहरा रहा है, बंद और खराब हैन्ड पंम्पों के ठीक न कराये जाने की बात लगातार आ रही, सूखा राहत के भुगतान की स्थिति दयनीय है, राहत वितरण की व्यवस्था में भारी अनियमिता है। राहत के नाम पर चलाई जा रही योजनाऐं भ्रष्टाचार का भेंट चढ रही है।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना (च्ण्क्ण्ैण्)के तहत प्राप्त हुए खाद्यान के वितरण में अधिकारियों की मिली भगत से लूट जारी है, लोग भूख से दम तोड़ने को मजबूर हो रहे, सरकारी आकंडे राहत की गवाही दे रहे है। किन्तु राहत पहॅुच नहीं रही है। बुन्देलखण्ड में भूमि सरंक्षण योजनाऐं पूरी तौर पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़गयी हैं। भूमि संरक्षण के तो काम नहीं हुए हां सरकार की माफिया संरक्षण नीति को जरूर इस योजना से बल मिला। बुन्देलखण्ड के पंम्पों कैनालों में पानी कैसे रहे इसकी चिंता होनी चाहिए बांदा के लमियारी समेत कई पम्प कैनाल खराब पडे़ है, लगातार रिपोर्ट भी हो रही है उन्हें ठीक करने, देखने जाने के नाम पर दौरे जरूर हो रहे , किन्तु ठीक कराये जाने की मांग जस की तस बनी हुई है। चित्रकूट में वरूण नहर को नदी से जोड़ने की लगातार मांग हो रही है, सरकारी रिपोर्ट भी पक्ष में आने की सूचना है, पर काम नहीं हो रहा है।
श्री पाठक ने कहा सत्ता के अंतिम वर्ष में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुन्देखण्ड की याद आ रही है, वे दौरा करे मौके पर समीक्षा करें, किन्तु जाने के पहले जो दौरे हुए है उनमें जो सुझाव आये, उन पर कितना अमल हो पाया इस की समीक्षा जरूर कर ले। उन्होंने कहा जरूरत है बुन्देलखण्ड के प्रति संवेदशील होने की। भुख और पानी के संकट से जुझ रहे नागरिकों को राहत मिले, इसकी व्यवस्था हो योजनाओं में गतिशीलता आये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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