प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री महेष कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले चार वर्षाें में उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा राज्य में निवेष एवं औद्योगिक विकास हेतु उठाये गए अभिनव कदमों व नवीन नीतियों के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप अभूतपूर्व औद्योगिक प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2012 से जनवरी 2016 तक कुल रू.25,081.10 करोड़ के निवेश से 1,68,219 उद्यम व उद्योगों की स्थापना हुई, जिसमें 12,98,188 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व 2,49,233 व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष, कुल 15,47,421 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। जबकि गत वर्ष विष्व बैंक द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार ईज़ आॅफ डूइंग बिज़नेस में उत्तर भारतीय राज्यों में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा। प्रदेष में विष्वस्तरीय औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास प्रारम्भ किया गया जैसे- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ-बलिया पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, उन्नाव व इलाहाबाद में ट्रांस-गंगा व सरस्वती हाईटेक सिटीज़, औरैया प्लास्टिक सिटी लखनऊ में आईटी सिटी व क्रिकेट स्टेडियम आदि। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इस समयप्रदेश में लगभग रु.78,681 करोड़ की परियोजनाएं पाईपलाईन में हैं।
प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास ने कहा- ”मा. मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट दिषा-निर्देषन में प्रदेष को निवेष का सर्वोत्तम गंतव्य बनाने व औद्योगिक विकास से गति देने के लिए नई अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेष नीति के साथ-साथ क्षेत्र-विषेष की निवेषोन्मुख नीतियाँ न केवल बनाई गईं, बल्कि उनका पारदर्षी व प्रभावी क्रियान्वयन भी किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय निवेषकों ने उत्तर प्रदेष में विभिन्न सेक्टरों में निवेष करने के लिए अभूतपूर्व रुचि दिखाई है तथा निवेष किया है।“
श्री गुप्ता ने उद्यम स्थापित करने के लिए आवष्यक स्वीकृतियों व अनापत्तियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उठाये गए कदमों के बारे में बताया कि राज्यों के ‘ईंज आॅफ डूइंग बिजनेस’ पर वर्ष 2015 में विष्व बैंक द्वारा किए गए अध्ययन में उत्तर प्रदेश द्वारा देश के प्रथम 10 राज्यों में स्थान बना लिया है। इसी अध्ययन के अनुसार उत्तर भारतीय राज्यों में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है। उन्होंने बताया कि उद्योग से सम्बन्धित सभी सेवाओं को उ.प्र. जनहित गारण्टी एक्ट 2011 में शामिल करने साथ ही राज्य के सिगंल विण्डो सिस्टम, निवेष मित्र का उच्चीकरण करते हुये रु. 50 करोड़ से अधिक निवेष वाली परियोजनाओं को स्थापित किए जाने की प्रणाली को और सुगम बनाते हुए आॅन लाइन ब्वउउवद ।चचसपबंजपवद थ्वतउप्राप्त कर विभिन्न स्वीकृतियाँ आॅनलाइन ही जारी करने की व्यवस्था की जा रही है। इस प्रणाली के तहत सभी प्रकार के शुल्क भुगतान के गेट-वे के माध्यम से एकमुष्त किये जा सकेगें।
प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास ने बताया कि स्थापित हो रहे या विद्यमान उद्यमों की समस्याओं के समाधान हेतु उत्तर प्रदेष औद्योगिक षिकायत निराकरण प्रणाली ;न्ण्च्ण् प्दकनेजतपंस ळतपमअंदबम त्मकतमेेंस ैलेजमउद्ध आॅनलाइन प्रणाली षुरू की गई, जिसके अन्तर्गत उद्यमी पोर्टल पर आॅन लाइन अपनी समस्या को दजऱ् करा सकते हैं। इस प्रणाली में आयी समस्याओं की समीक्षा एवं अनुश्रवण समाधान दिवस की बैठक में कराया जाता है, जो प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय गुरुवार को आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसकी सफलता के दृष्टिगत सम्पूर्ण प्रदेश में जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ‘समाधान दिवस’ की बैठक प्रत्येक शुक्रवार को कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री गुप्ता ने प्रदेष में औद्योगिक एवं आर्थिक विकास के लिए उच्च-स्तरीय अवस्थापना विकास की आवष्यकता की पूर्ति हेतु उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा उठाये गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि विकास की त्वरित गति हेतु पूरे प्रदेष में विष्वस्तरीय कनेक्टीविटी अवस्थापना सुविधाओं का विकास मा. मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी में किया जा रहा है। इसमें विषेष रूप से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ-बलिया पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, उन्नाव व इलाहाबाद में ट्रांस-गंगा व सरस्वती हाईटेक सिटीज़, लखनऊ में आईटी सिटी व क्रिकेट स्टेडियम तथा औरैया में प्लास्टिक सिटी आदि का विकास किया जा रहा है।
लखनऊ मेट्रो रेल के प्राथमिक सेक्षन तथा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के इसी वर्ष के अन्त तक संचालित हो जाने की सम्भावना है। नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा को मेट्रो से जोड़ा जा रहा है जिससे ग्रेटर नोएडा व गाजि़याबाद सीधे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जुड़ जाएंगे और क्षेत्र में निवेश व विकास को और गति मिलेेगी।
प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में यू.पी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। इनमें उन्नाव में ट्रान्स गंगा सिटी, इलाहाबाद नैनी में सरस्वती हाईटेक सिटी, औरेया में प्लास्टिक सिटी, कन्नौज में परफ्यूम पार्क, कानपुर/उन्नाव क्षेत्र में मेगा लेदर क्लस्टर, बरेली में मेगा फूड पार्क आदि महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं।
ज्ञात हो कि 302 किलोमीटर लम्बे रु. 15,000 करोड़ की अनुमानित लागत वाले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लखनऊ एवं आगरा के मध्य की दूरी को 3-4 घण्टे में पूरी की जाएगी। एक्सप्रेस-वे इस वर्ष के अन्त तक पूर्ण होना अनुमानित है। पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित यह देष का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे होगा। इसी प्रकार लखनऊ से बलिया तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के विकास से प्रदेष के पूर्वी भाग प्रदेष की तथा राष्ट्रीय राजधानी से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के राज्य सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विष्वविख्यात ब्राण्ड अमूल द्वारा लखनऊ, कानपुर, वाराणसी एवं सैफई में दुग्ध प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जा रही है। गाँवों में सहकारी संकलन केन्द्रों पर नगद भुगतान कर किसानों से खरीदा दूध जाएगा जिससे 7 लाख किसानों और पषुपालकों को सीधा लाभ होने के साथ-साथ प्रदेष में 20,000 से अधिक नये रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर परियोजना के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए पूर्ण सहयोग के परिणामस्वरूप इस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर के किनारे औद्योगिक टाउनषिप विकसित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। इस 1840 किमी लम्बे काॅरीडोर का 57 प्रतिषत भाग -1049 किमी उत्तर प्रदेष के 18 जनपदों से गुजरेगा। प्रदेष में परियोजना हेतु 90 प्रतिषत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (ईडीएफसी) परियोजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में पड़ने वाले 18 नोडल स्टेशनों के आस-पास के क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है।
दिल्ली-मुम्बई इन्डस्ट्रियल कारीडोर (डी.एम.आई.सी.) प्रोजेक्ट के लिए प्रदेष सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा अथारिटी के माध्यम से भूमि प्रदान की जा चुकी है। डी.एम.आई.सी. प्रोजेक्ट के पूर्ण हो जाने से क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि उत्पादों का उत्त्र प्रदेष स्थित दादरी से मुम्बई पोर्ट तक पहुॅचने के समय में अभूतपूर्व कमी होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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