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फीचर अपनी परम्परागत शैलियों और परिभाषाओं की सीमा तोड़ कर नए-नए रूप बदल रहे है- सुरेन्द्र अग्निहोत्री

Posted on 15 March 2016 by admin

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के हिन्दी अधिकारी तथा गृह पत्रिका सृजना के संबाददाताओं की 15 वीं बैठक आज राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मुख्यालय लखनऊ में सम्मन्न हुई। बैठक में देश भर से आये सृजना के संबाददाताओं को बरिष्ठ पत्रकार तथा दैनिक भास्कर के लखनऊ ब्यूरो प्रमुख सुरेन्द्र अग्निहोत्री ने फीचर की संभावना, फीचर लेखन में सावधानियां, गृह पत्रिका में फीचर का उपयोग बिषय पर अपना आलेख प्रस्तुत किया श्री अग्निहोत्री ने कहा कि प्रत्येक संपादक कि यह इच्छा होती है की उसका पत्र या पत्रिका अधिक से अधिक लोगों द्वारा पढी जाए। इसलिए आवश्यक है कि उसमें रुचिकर, ज्ञानवर्धक एवं विश्वसनीय सामग्री प्रकाशित की जाए। फीचर इसी उद्देश्य की पूर्ति में सहायक होते हैं। इसमें किसी भी सूचना अथवा समाचार को यथातथ्य रूप में नहीं रखा जाता। फीचर लेखक अपनी कल्पनाशक्ति और लेखन कौशल के बल पर समाचारों में निहित तथ्यों को कथात्मक रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे पाठक पढने में अधिक रुचि दिखाता है। फीचर लेखन की तकनीक और तरीके बदलने के कारण गृह पत्रिका में फीचर का उपयोग अब तेजी के साथ हो रहा रहें हैं। वर्तमान में सृजना,सुंगन्ध,भारतीय रेल,यूनियन धारा,बिकास प्रभा आदि गृह पत्रिका में फीचर अपनी परम्परागत शैलियों और परिभाषाओं की सीमा तोड़ कर नए-नए रूप बदल रहे हैं।कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक वी. डी. बोहरा, सृजना की संपादिका नीना लंाम्बा,सहायक महाप्रबंधक रांची, पद्मनाभ पान्डेय, सहायक महाप्रबंधक अशोक सिंह चैहान,यशवंत गहलौत आदि ने भाग लिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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