उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रीकर से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद ललितपुर की हवाई पट्टी की रिकारपेटिंग राज्य सरकार के व्यय पर किए जाने हेतु अनापत्ति प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने श्री पर्रीकर को एक पत्र लिखा है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने ललितपुर की हवाई पट्टी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री को अवगत कराया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस हवाई पट्टी का निर्माण हुआ था, जिसके लिए 273.70 एकड़ भूमि सेना द्वारा अधिग्रहीत की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात इस भूमि में से 64.74 एकड़ भूमि रक्षा विभाग द्वारा डी0जी0सी0ए0 को हस्तान्तरित की गई थी, जो राजस्व अभिलेखों में राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज है और शेष भूमि बंजर व ऊसर है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में इस हवाई पट्टी की रिकारपेटिंग/पुनर्निर्माण कराए जाने के प्रयास किए गए थे। परन्तु रक्षा मंत्रालय द्वारा हमेशा भूमि के मालिकाना हक को लेकर आपत्ति की जाती रही है। इसी वजह से यह मामला लम्बित है और अभी तक हवाई पट्टी को आॅपरेशनल नहीं किया जा सका है। राज्य सरकार द्वारा अपने व्यय पर ललितपुर हवाई पट्टी की रिकारपेटिंग कराया जाना प्रस्तावित है।
श्री यादव ने यह भी उल्लेख किया कि ललितपुर हवाई पट्टी की रिकारपेटिंग होने के बाद उसे राज्य सरकार के साथ-साथ भारतीय सेना/वायु सेना द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है, जिस पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने पत्र में इस प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय की एन0ओ0सी0 शीघ्र प्रदान करने की अपेक्षा की है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में रक्षा मंत्री को यह भी अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्र अन्य जनपदों की तुलना में अभी विकसित नहीं हो सका है। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बुन्देलखण्ड का ललितपुर जिला ऐतिहासिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है और इस जिले का विकास होने से पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र को विकसित करने में गति प्राप्त होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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