उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के युवाओं को पूर्ण क्षमताओं को विकसित कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए राज्य युवा नीति-2016 का प्रारूप यथाशीघ्र तैयार कराकर सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभागों को अपने आवंटित बजट में योजनाओं के अन्तर्गत युवाओं की प्रगति एवं उत्थान के लिए किये गये कार्य का विवरण अवश्य देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य युवा नीति-2016 के अन्तर्गत 30 वर्ष की उम्र तक के युवाओं को योजनाओं के तहत उनके विकास हेतु प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान जनसंख्या में लगभग 41 प्रतिशत 30 वर्ष तक की उम्र के युवाओं की संख्या है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग द्वारा उपलब्ध बजट में से युवाओं के लिए बजट चिन्हित करना होगा। उन्होंने नियोजन विभाग को यह भी निर्देश दिए कि युवा प्रकोष्ठ का गठन कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नीति के कार्यान्वयन हेतु समन्वय समिति का गठन किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
श्री रंजन आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य युवा नीति-2016 के प्रस्तावित प्रारूप के सम्बन्ध बैठक कर सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक ऐसी सशक्त एवं स्वस्थ्य पीढ़ी तैयार करने हेतु कार्य योजना बनाई जाये जो भावी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवाओं को स्वास्थ्य पोषक एवं निवारक उपायों के बारे में जानकारी दिलाने हेतु लक्षित नियन्त्रण कार्यक्रम चलाया जाये। उन्होंने कहा कि खेल सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए युवाओं में खेल भावना तथा खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराते हुए उनके विकास में कोई कोर कसर न छोड़ी जाये।
श्री रंजन ने कहा कि ऐसी बेहतर शासन व्यवस्था सुनिश्चित की जाये ताकि युवा वर्ग अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपने दायित्वों एवं भविष्य के प्रति सजग करने हेतु कारगर योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने एवं विनियोजन के लिए यथोचित मंच तैयार कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जोखिमग्रस्त युवाओं तथा सहायता एवं लाभ से वंचित युवाओं के लिए समतामूलक अवसर सृजित कराकर हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में युवाओं के लिए आर्थिक अवसर सुनिश्चित कराये जाये। उन्होंने कहा कि विकलांग युवाओं की सहायता के लिए एक बहुसूत्रीय दृष्टिकोण तैयार कराया जाये। उन्होंने दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुप्रथाओं, रुढि़यों तथा अन्धविश्वास को दूर कराने के लिए युवाओं का भी सहयोग लेने पर बल देते हुए कहा कि सामाजिक न्याय के लिए सभी स्तरों पर न्याय की सुविधा को बढ़ावा दिया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि युवाओं को करियर परामर्श एवं कोचिंग की सुविधा के साथ-साथ स्कूलों में परामर्शीय काउन्सिलिंग सुविधा भी उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों के सहयोग से खेलकूद, शारीरिक शिक्षा व योग को दैनिक दिनचर्या के रूप में अपनाये जाने हेतु खेल विभाग द्वारा जन अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं के न्यूनीकरण एवं बचाव हेतु आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के माध्यम से युवा कल्याण विभाग एवं अन्य विभागों के स्वयंसेवी सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से वंचित युवाओं विशेषकर बालिकाओं को सम्बन्धित विभागों के सहयोग से शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराकर उनका सशक्तीकरण किये जाने पर विशेष बल दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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